पुलवामा में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि, शहर में गम और गुस्से की लहर…

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सलमान शैख़, पेटलावद
पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले से शहर में गम और गुस्से की लहर दौड़ गई। सबने आतंकियों की इस कायराना हमले की कड़ी निंदा की और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही कहा कि अब आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
बता दे कि गुरुवार देर शाम कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के क़ाफ़िले पर बड़ा आतंकवादी हमला हुआ। इसमें करीब 20 से ज्यादा जवान शहीद हो गए। बताते हैं उरी हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।

सोशल मीडिया पर चले विरोध के तीखे स्वर:
सोशल मीडिया पर भी शहरवासियों की नाराजगी देखने को मिली है। ज्यादातर ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही है। उन्होंने मोदी सरकार से अपेक्षा की है कि सीआरपीएफ जवानों की शहादत का बदला ले। लिखा, ऐसा नहीं हुआ तो 56 इंच का सीना किस काम का।

इन संगठनों ने भी दी श्रधांजलि:
जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले में जान गंवाने वाले जवानों को शहर के अभिभाषक संघ, पत्रकार संघ, लायंस क्लब, रोटरी क्लब, गौतम ग्रुप, सीताराम ग्रुप सहित जामली व बावड़ी में भी कई सामाजिक संगठनों ने शहीद स्मारक पर श्रंद्धाजंलि देते हुए आतंकवाद के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने कहा कायरो ने जिस तरह घटना को अंजाम दिया हमारी सेना उनको मुहतोड़ जवाब देगी।इस दौरान आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने की मांग की।

मॉर्निंग क्रिकेट क्लब ने दी सुबह श्रद्धांजलि:
मॉर्निंग क्रिकेट क्लब के खिलाड़ियों ने सुबह कॉलेज मैदान में शहीद सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धाजंलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा। इसके साथ ही पाकिस्तान मुर्दाबाद, जैश ए मोहम्मद मुर्दाबाद के नारे लगाए। साथ ही कहा कि अब जरूरत पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। आखिर कब तक देश के जवान शहीद होते रहेंगे, अब बदला लेने का वक्त आ गया है।
इस दौरान मॉर्निंग क्रिकेट क्लब के सभी खिलाड़ी मौजूद रहे।

मुस्लिम समाज ने जुमे की नमाज के बाद दी श्रद्धांजलि:
वहीं शुक्रवार को जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद शहर के मुस्लिम समाज ने आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही शहर के इमाम अब्दुल खालिक साहब ने सामूहिक रूप से उनके परिजनों को सब्रे जमील अता फरमाने की दुआएं की। साथ ही वरिष्ठ समाजजनों ने कहा सैनिक हमारे देश की रक्षा करते हैं। उनकी साथ जो घटना हुई वह काफी दुखदायी है। इस प्रकार का कृत्य करने वालों को माफ नहीं करना चाहिए। इस दौरान शहर के सभी बड़े-बुजुर्ग, युवा और बच्चे मौजूद थे।

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