देर आए दूरूस्त आए..:खत्म हो वाली ही नगर की जलसमस्या, जो काम पहले करना था वह आखिर में किया

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SALMAN SHAKH@ JHABUA Live…

रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून, यह दोहा आज के परिपेक्ष्य में बहुत सटीक बैठता है, आज पूरा शहर जलसंकट की पीड़ा से त्रस्त है। ऐसा नही था कि नपं ने प्रयास नही किए, प्रयास तो काफी किए लेकिन कहीं न कहीं चूक होने से सारे प्रयास विफल हो गए। हालाकि अब देर से ही सही लेकिन नगरवासियो के सामने पिछले 2 महीनो से खड़ी यह विकराल समस्या खत्म होने वाली है।

दरअसल, माही से आने वाले पानी की पाईप लाईन से पानी लाने का जो कार्य चल रहा था वह अब अंतिम रूप में चल रहा है। अगले एक या दो दिनो में नगर में उभरा पेयजल संकट समाप्त होने की कगार पर पहुुंच जाएगा। पेटलावदवासियो के लिए अभी तक यह सबसे अच्छी खबर है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो इस प्लान के तहत लोगो को नियमित पानी मिलने लगेगा। जो समस्या इन दिनो नगरवासियो को पेयजल के लिए उठाना पड़ रही है वह अब पूर्णरूप से खत्म होने वाली है। इस खबर के बाद नगरवासियो में खुशी की लहर है।

कहां से लाया जा रहा है पानी-

दरअसल, नपं द्वारा सभी जगह से थक हारकर जो प्रयास उस समय ही करने थे वह आखिर में करते हुए नगर में इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए रायपुुरिया-जामली से गुजर रही फ्लोराईट प्रभावित गांवो को पेयजल प्रदाय करने वाली माही की पाईप लाईन से छापरापाड़ा पाइंट से पानी का कनेक्शन लिया गया। यह स्थान चोर बोराली डेम से मात्र 3 किमी की दूरी पर था, जिससे अब यू कहे कि देर आए दूरूस्त आए..इस प्रयास से नगर की इस विकराल जलसमस्या से नगरवासियो को जल्द ही निजात मिलेगी।

क्यो लगा इतना समय-

नपं द्वारा इस पाइप लाइन को चालू करने में इतना अधिक समय इसलिए भी लगा कि पीएचई विभाग के द्वारा जामली से बावड़ी तक डाली गई पाईप लाइन जगह-जगह से टूटी-फूटी थी। इसके बाद नपं कर्मचारियो ने दिन-रात एक करकर इस पाईप लाइन को रिपेयर किया और उनकी मेहनत का नतीजा है कि अब पूर्णत: पाईप लाइन सही हो चुकी है, जिससे पानी का प्रेशर अच्छा रहेगा और ज्यादा क्वांटिटी में पानी चोर बोराली में स्थित फिल्टर प्लांट तक तक पहुंचेगा।

मंगवाए किराए के टैंकर, तो मिली कुछ हद तक राहत-

वहीं नपं ने माही का पानी पेटलावदवासियो को पहुंचाने के लिए 30 हजार लीटर के टैंकर किराए से मंगवाकर उन्हें छापरापाड़ा से भरवाकर शहर में स्थित टंकीयो को भरवाने का जो कार्य किया उससे कुछ हद तक नगरवासियो को पेयजल की किल्लत से हो रही परेशानी दूर हुई। कई वार्डो में नल भी दिए गए और पेयजल सप्लाय शुरू हो गई। यह टैंकर दिनभर में 6 से अधिक राउंड कर रहे है। जिससे 2 लाख लीटर पानी की पूर्ति संभव हो रही है। इसी के साथ वार्डो में जो टंकी बनी है और जो नपं ने रखवाई है उसे छोटे टैंकरो के माध्यम से भरवाया जा रहा है।

दूर-दूर तक पहुंचा पानी, पर पेटलावद शहर रहा प्यासा-

क्षैत्र की सबसे बड़ी परियोजना माही परियोजना का पानी पेटलावद क्षैत्र से लगभग 200 किमी दूर तक में पेयजल हेतु पहुंच चुका है, लेकिन खुद पेटलावद शहर आज तक इस पानी के लिए मोहताज है। जो योजनाए बनाई वह राजनीति में उलझकर रह गई। अब यह प्रयास चाहिए कि शहर की इस गंभीर समस्या के समाधान में कोई भी नेता किसी प्रकार की राजनीति न करते हुए सभी को साथ लेकर पानी कैसे नगर तक लाया जाए इसकी कार्ययोजना तैयार करे और शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर खींचे। जिससे आने वाले वर्षो में नगर इस विकराल समस्या से नही जूझे।

हर संभव प्रयास कर रहे है-

नपं अध्यक्ष मनोहरलाल भटेवरा सीएमओ रूपकिशोर कुलश्रेष्ठ और उपयंत्री राकेश बैनल ने बताया नगरवासियो को पेयजल संकट से उभारने के लिए हमारे द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है। बस जो पाईप लाईन टूटी हुई है वह सही हो जाए। अभी तक हम पाईप लाइन को रिपेयर करते हुए बावड़ी ग्राम से आगे यानि चोर बोराली तालाब के नजदी पहुच गए है। माही का पानी पेटलावद को जल्द मिले ऐसे प्रयास किए जा रहे है।

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