टेंडर नहीं होने से 639 आंगनवाड़ी केंद्रों पर नहीं मिल रहा पोषण आहार

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
आंगनवाडिय़ों के माध्यम से दिया जाने वाला पोषण आहार बच्चों तक नहीं पहुंच पा रहा है। पेटलावद क्षेत्र की लगभग 639 आंगनवाड़ी केंद्रों तक पोषण आहार नहीं पहुंच पा रहा है जिसके लिए अधिकारी ही जवाबदार है. क्योंकि लगभग डेढ़ वर्ष से पोषण आहार परिवहन के टेंडर नहीं किए और किए जाने पर विवाद होते रहे हैं। जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 अप्रैल में टेंडर किए थे तो उनमें अधिकारियों ने अयोग्य का चयन कर लिया था.जिस कारण से आपत्ति लग गई। उसके पश्चात वर्ष 2017 मार्च में टेंडर किए तो टेंडर दर से पांच रुपए कम करवा कर ऑर्डर दिए जिस पर कलेक्टर ने आपत्ति ले कर टेंडर निरस्त करवा दिए। जिसके पश्चात 18 अगस्त को टेंडर किए गए किंतु वह टेंडर आज तक खोले नहीं गए, जिस कारण से परिवहन का कार्य बंद पड़ा है। कुछ आगंनवाडी कार्यकर्ता अपने खर्च पर पोषण आहार ले जा रहे है तो कई आंगनवाडिय़ों तक पहुंच ही नहीं पा रहा है जिसके चलते बच्चों को पङ्क्षषण आहार नहीं मिल पा रहा है।
ऑफिस में पड़ा है पोषण आहार
पेटलावद में परियोजना कार्यालय में पोषण आहार भरा पड़ा है. जहां गोडाउन भी भर जाने के बाद स्थान नहीं होने के कारण ऑफिस के कमरों में पोषण आहार रखा जा रहा है और यह पोषण आहार थोड़े दिनों में आउट ऑफ डेट हो जाएगा, और कोई उपयोग नहीं रहेगा। आखिर प्रशासन में बैठे अधिकारी इतनी लापरवाही क्यों दिखा रहे है उन्हें टेंडर खोलने तक की फूर्सत नहीं मिल रही है जिस कारण से कुपोषण को दूर करने वाला पोषण आहार ऑफिस में ही पड़ा पड़ा सड़ रहा है।
टेंडर प्रक्रिया में त्रुटि …?
आखिर जिले में बैठे अधिकारियों से टेंडर प्रक्रिया में बार बार गड़बडी क्यों हो रही है। लगभग डेढ वर्ष में एक बार भी सही तरीके से टेंडर प्रक्रिया को नहीं कर पाए। आखिर बार बार प्रक्रिया में गलती करने के पीछे क्या उद्ेश्य है यह सभी की समझ से परे। यह मामला केवल पेटलावद विकासखंड का नहीं है वरन पूरे जिले की सभी आगंनवाडिय़ों का है. जहां परिवहन का टेंडर नहीं होने के कारण पोषण आहार पहुंचने में परेशानी आ रही है।
अधिकारियों की जुबानी.
टेंडर प्रक्रिया में विलंब हो रहा है। एक या दो दिन में प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी। इसके लिए हमने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए है कि वे स्वयं पोषण आहार ले जाए, जिसके लिए उन्हें अलग से भुगतान किया जाएगा।
– आरएस जमरा, जिला अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग,झाबुआ
-परिवहन के अभाव में पोषण आहार यहां पडा है हमने सभी को निर्देश दिए है, कुछ कार्यकर्ता निजी वाहनों से ले जा रहे है किंतु काफी परेशानी आ रही है। यदि टेंडर हो जाते है तो सारी परेशानी खत्म हो जाएगी।
इशिता मसानिया,परियोजना अधिकारी,पेटलावद

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