जहां गाय माता है, वहां भारत है, गाय ही गायत्री है- संत गोपाल

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
गाय से काम, मोक्ष, अर्थ और धर्म की प्राप्ति होती है, गाय स्वयं ही कामधेनू है, जिसके गोबर और दूध से अर्थ प्राप्त किया जा सकता है। गाय को चार खिलाने से धर्म की प्रप्ति होती है, और अंत समय में गाय का दान कर मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है। उक्त बात राष्ट्रीय क्रांतिकारी संत गोपालमणी महाराज ने गौ कथा के अमृत प्रवचन के दरमियान गुरूवार रात्री में पेटलावद में पुराना बस स्टैंड पर जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहीं। गौ प्रतिष्ठा यात्रा को गौमाता को राष्ट्र माता का दर्ज दिलवाने के लिए निकाली जा रही है, जो कि भारत वर्ष के सभी 676 जिलों में जाएगी। अब तक हमने 229 जिलों में यात्रा पूर्ण कर चुके है। इसके पश्चात दाहोद जिले में यात्रा प्रस्थान करेगी। 8 फरवरी 2018 को यात्रा का समापन नई दिल्ली में होगा, जहां प्रतिएक जिले से लगभग 20 हजार गौ सेवक पहुंचेंगे और गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाने के लिए आंदोलन किया जाएगा। आज तक हमने कई मामलों के लिए सडक़ों को जाम किया है किन्तु इस बार हमें गौमाता के लिए आगे आना होगा। हमारी पांच मांगे और पांच सूत्र है जिसमें गौ ग्रंथ हर घर में हो, मां शब्द का प्रयोग हो, गोबर के गणेश घर में रखे, गौमाता के लिए दान दे और अधिक से अधिक लोगों को गौ सम्मान आंदोल से जोड़े। इसके साथ ही भारत सरकार से मांग है कि गौ को माता का दर्ज दे, गौमाता के लिए अलग से मंत्रालय बने जैसे गंगा के लिए बना है। गाय को काटने पर रोक लगे। अपने बच्चों को 10 वर्ष तक की आयु तक गाय का दूध पिलाए, कोको-कोला से बचाए। यदि वे गाय का दूध पीएंगे तो उनमें संस्कार आएंगे और संस्कारों से गाय का सम्मान लौटेगा। भगवान कृष्ण भी 10 वर्ष तक की आयु तक गायों के बीच में ही रहे है। उन्होंने स्वयं कहा है कि मुझे पाना है तो गायों के मध्य ही मैं मिलूंगा। राम का नाम लेने से राम नहीं मिलेगें, हमें राम का काम करना होगा तभी हमें राम मिलेंगे। राम का काम क्या है गाय माता की रक्षा और समर्थन करना ही भगवान राम का काम है तभी हम भगवान को पा सकेंगे। नगर में भी गौ रक्षा समिति का गठन किया गया, जिसमें अध्यक्ष के रूप में मनीष अग्रवाल को मनोनीत किया गया। वहीं सदस्यों में अंकित सेंचा, मयंक भंडारी, जितेंद्र पंवार, अजय सोलंकी, महेंद्र अग्रवाल आदि को सदस्य बनाया गया। इसके साथ ही महिला मंडल का भी गठन किया गया। इस मौके पर संत गोपाल मणी ने एक ज्ञापन समिति के सदस्यों को दिया जो की प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम है जिसे समिति द्वारा उचित माध्यम से पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही गौसेवकों का सम्मान भी किया गया, जिसमें अम्बाराम मुख्य रूप से है,जिसके द्वारा प्रतिदिन गौ रथ चलाकर नगर से गौ माता के लिए गौ-ग्रास एकत्रित किया जाता है।

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