किसान ही असली वैज्ञानिक होता है – डॉ.श्रीवास्तव

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
जिले का किसान विपरीत परिस्थितियों में किस प्रकार फसलें लेता है और उन्नत तकनीकी का प्रयोग करता है यह हम देख सकते है। किसान ही असली वैज्ञानिक होता है जो नित नए नए प्रयोग कर फसलों की नई तकनीकी इजाद करता है। आज पूरे प्रदेश में कृषि विज्ञान केंद्रों पर किसानों का भरोसा है, जिसके लिए हमें उन तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए किसानों के खेतों तक पहुंचना होगा। झाबुआ जिले जैसे क्षेत्र में मिट्टी भी नहीं है वहां भी पथरीली जमीन में किस प्रकार खेती करते है यह हमें सिखना होगा। हमारे पूर्वजों द्वारा खेती के कई प्रयोग बताए गए है जो की आज भी कारगर सिद्ध हो रहे हैं। उक्त बात राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि महाविद्यालय के संचालक विस्तार सेवा अधिकारी डॉ एसके श्रीवास्तव ने कही। पूरे प्रदेश के 24 कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की दो दिवसीय ट्रेनिंग के दौरान ग्राम सारंगी में आयोजन फिल्ड भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पूरे जिले के 24 कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों को उच्च तकनीकी से हार्टिकल्चर फसलों के विकास के लिए दो दिवसीय ट्रेनिंग झाबुआ जिले में आयोजित की गई थी, जिसके प्रथम दिन जिले में क्लासेस लगा कर जानकारी दी गई और दूसरे दिन गुरूवार को क्षेत्र का भ्रमण करवा कर उन्नत किसानों से मिलवाया गया जिसमें पेटलावद क्षेत्र के रामगढ़, रायपुरिया, बरवेट, बावड़ी और सारंगी में उन्नत किसानों के खेतों पर ले जाकर उनके द्वारा किए गए नवाचार के बारे में बताया गया। इस मौके पर झाबुआ कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख आईएस तोमर ने कहा की वैज्ञानिकों को अनुभव प्राप्त करना है तो किसानों से ही सिखना होगा। क्योंकि हम जो बात किसानों को बताते है वह उस पर प्रयोग कर उसकी वास्तविक स्थिति का पता लगाता है। कार्यक्रम का संचालन सयुक्त संचालक डॉ यूपीएस भदौरिया ने किया और ट्रेनिंग की संम्पूर्ण जानकारी दी। ट्रेनिंग के समापन पर सभी वैज्ञानिकों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस मौके पर पेटलावद के नर्सरी प्रभारी सुरेश इनवाती और उन्नत कृषक बालाराम पाटीदार उपस्थित थे.

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