किसान की मौत होने पर लोन भरने के लिए बैंक डाल रही बेरोजगार पुत्रों पर दबाव

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
कोदली के एक किसान पुत्र को उसके पिता की मृत्यु के बाद बैंक आफ बड़ौदा के अधिकारियों द्वारा परेशान किया जा रहा है जिसकी शिकायत युवक ने कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक की है। युवक का कहना है कि पिता द्वारा लिए गए 2.50 लाख की केसीसी लोन की राशि के लिए परेशान कर रहे है जबकि पिता का बीमा था, मृत्यु के बाद बीमे की राशि से लोन जमा की जाए। हम बेरोजगार है हम राशि कहां से भरेंगे? हमारे घर में तो खाने को अन्न का दाना नहीं है।
क्या है मामला-
मामले के अनुसार कोदली निवासी युवक शुभम पाटीदार के पिता महेश पाटीदार ने बैंक आफ बडौदा से केसीसी लोन 2.50 लाख रूपए कृषि कार्य के लिए लिया था किंतु 24 अप्रैल 2017 को शुभम के पिता की मृत्यु हो गई, जिसके बाद बैंक द्वारा शुभम को केसीसी लोन के रूपए जमा करने के लिए परेशान किया जाने लगा। शुभम का कहना है कि जब मेरे पिता ने लोन लिया था। उस समय बैंक ने बीमा भी करवाया था। मेरे पिता की मृत्यु के बाद अब लोन की राशि बीमा से जमा की जाए। मैं और मेरा एक और भाई है जो नाबालिग है। हमारे पास रोजगार का कोई साधन नहीं है जिसके लिए हमारे पिता के लोन की राशि बीमा में से ली जाए। यह सरकार का नियम भी है किंतु बैंक अधिकारी बीमें में से राशि नहीं लेकर किसान परिवार को परेशान कर रहे है। परेशान होकर शुभम द्वारा आठ दिन पूर्व कलेक्टर को भी शिकायत की गई। इसके साथ ही शुभम ने किसान यूनियन के सदस्यों के साथ भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भी लिखित शिकायत पत्र सौंपा और मांग की है कि केसीसी लोन की राशि बीमा में जमा करवाई जाए। इस संबंध में बैंक आफ बड़ौदा पेटलावद के शाखा प्रबंधक राजेश वैरागी से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि यदि बीमा है तो राशि बीमें से ली जाएगी। यदि उनका पुत्र पैसा भर भी देता है तो बीमे की राशि उन्हें ही मिलेगी। वहीं कलेक्टर से भी पत्र प्राप्त हुआ है जांच कर कार्रवाई करेंगे।

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