आय के ऐसे स्त्रोत न हो जिससे हिंसा हो : जिनेंद्र मुनिजी

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
आगम विशारद बुद्ध पुत्र प्रवर्तक जिनेन्द्र मुनि आदि ठाणा का थांदला की ओर से धर्म प्रभावना कर पेटलावद में मंगल प्रवेश हुआ है। बड़ी संख्या में श्रावक श्राविका जैन और जैनेत्तर भाई बहन गुरुदेव के मंगल प्रवेश में उपस्थित थे। मंगल प्रवेश के पश्चात स्थानक भवन में धर्मसभा का आयोजन हुआ। धर्मसभा में प्रवर्तक पूज्य जिनेन्द्र मुनि ने कहा कि किसी के मन को दु:ख पहुचे ऐसे वचनों का प्रयोग नही करना एवं बोलने में विवेक रखना श्रावक के लिए जरुरी है यतना से आत्मा अनुकंपा वाली बनेगी अगर यतना नही है तो व्यक्ति श्रावक पद का भी अधिकारी नही है।आय के लिए ऐसे स्त्रोतों का चयन नही करना चाहिए जिसमें बहुत हिंसा होती है। व्रत नियम आदि ग्रहण कर उनका उचित पालन करना ही आराधना है। धर्मसभा को पूज्य संदीप मुनि जी ने भी संबोधित किया। धर्मसभा में अल्पना पटवा, वंदना सोलंकी, खुशी पटवा एवं कपिल बाफना ने स्तवन की प्रस्तुति दी। श्रीसंघ अध्यक्ष नरेंद्र कटकानी ने प्रवर्तक से अधिक से अधिक समय पेटलावद में रहकर धर्म प्रभावना करवाने और वर्ष 2018 का वर्षावास पेटलावद करने की विनती की। साथ ही गुरुदेव के सानिध्य में श्रावक श्राविकाओं से अधिक से अधिक धर्म आराधना करने का आव्हान किया। संचालन जितेंद्र कटकानी ने किया।

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