आखिर खेल सामग्री में हुई अनियमितता के मामले में पुलिस ने 3 फर्मो पर दर्ज की एफआईआर

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सलमान शैख@ झाबुआ Live

घटिया खेल सामग्री मामले में अब नया मोड़ आया है। इस मामले में पेटलावद थाने में तीन फर्मों के विरुद्ध कायमी की गई है। 

गौरतलब है कि बीते दिनों जिले में शासकीय माध्यमिक और प्राथमिक स्कूलों में खेल सामग्री में गुणवत्ताहिन सामग्री विक्रय करने का मामला सामने आया था। इस मामले के सामने आते ही जिले की राजनीति में एक बड़ा तूफान आ गया था और नेताओं से लेकर प्रशासनिक खेमों में हलचल पैदा हो गई थी। आनन-फानन में कलेक्टर ने जांच दल गठिन करकर मामले में बड़ी प्रषासनिक कार्रवाई की थी। जिसमें बीआरसी से लेकर जनशिक्षकों को निलंबित कर खेल सामग्री वितरीत करने वाली फर्मो को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। 

यह था मामला-

गौरतलब है कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत पेटलावद की 130 प्राथमिक और 44 माध्यम स्कूलों 5 हजार और 10 हजार के बजट में छात्र-छात्राओं के लिए खेल सामग्री प्रदान की जाना थी, लेकिन इनमें से कई स्कूलों में ऐसा न होकर कम राशि की खेल सामग्रियों को अधिक राशि में बताकर इसमें गड़बड़ी की गई। जिसकी शिकायत के बाद जांच शुरू हुई, तो जांच में खेल सामग्रियों में अनियमितता की बात सामने आई। इसके बाद जनपद शिक्षा केंद्र पेटलावद के दो जनषिक्षक विजय बारिया और सुनील गुप्ता को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया था। वहीं इस मामले में पेटलावद की 3 फर्मो को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। इसमें बामनिया की अणुश्री सप्लायर्स, पेटलावद की राजश्री स्टेशनरी और नाकोड़ा स्टेशनरी शामिल हें।

भाजपा नेताओं के नाम भी आ रहे सामने-

बढ़ते दबाव के बीच प्रशासन ने सिर्फ सप्लाई करने वाली फर्मों के विरुद्ध शिकायत कर मामला दर्ज करवा दिया, लेकिन सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर फिलहाल कोई कायमी नही हुई है न ही पर्दे के पीछे खेल खेलने वाले भाजपा के उन नेताओ के नाम है जो इस सप्लाई के खेल से सीधे जुड़े थे और उनके कारण भाजपा को भारी बदनामी उठानी पड़ी है। मामला दर्ज होने के बाद भाजपा संगठन पर ऐसे नेताओं पर कार्रवाई करने का दबाव भी बढ़ गया है जिनके कारण भाजपा की भारी बदनामी हुई है। फिलहाल पुलिस थाने में तीन फर्मों अणू सप्लायर्स बामनिया, राज श्री स्टेशनरी पेटलावद और नाकोड़ा स्टेशनरी पेटलावद के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 511 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिले से ब्लैकलिस्टेट अन्य फर्मों के नाम भी इस मामले में जोड़े जा सकते हैं या इनके विरुद्ध सबंधित थाने में प्रकरण दर्ज हो सकता है। 

टीआई संजय रावत ने बताया कि, जो दस्तावेज प्रशासन की और से दिए गए थे उसके आधार पर मामला दर्ज हुआ है। आगे पुलिस जॉच में जो तथ्य निकल कर आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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