श्री श्याम कीर्तन यात्रा: अपने भक्तों के घर तुम गए थे गिरधर, वो कौन है जिसने हमें दी पहचान…

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live
पेटलावद। अपने भक्तों के घर तुम गए थे गिरधर, वो कौन है जिसने हमें दी पहचान… नगर में सोमवार की रात लखदातार खाटू नरेश के नाम रही। बाबा खाटूश्याम की विशाल भजन संध्या का आयोजन हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में श्याम प्रेमियों ने रात्रि 8 से देर रात तक भजन कीर्तन का आनंद लिया। भजन संध्या उदय गार्डन पर हुई। श्याम बाबा का अलौकिक दरबार सजाया गया। बाबा की ज्योत प्रज्ज्वलित की गई। इसमें सभी ने आहुतियां डाली।
भजन संध्या में प्रसिद्ध कलाकार मक्सी के बंटी सोनी ने मधुर भजन सुनाते हुए श्याम प्रेमियों को खूब लुभाया। खाटू वाले श्याम तेरी शरण में आ गए भजन से शुरुआत हुई। अपने भक्तों के घर तुम गए थे गिरधर, वो कौन है जिसने हमें दी पहचान है वो कोई ओर नहीं खाटू वाला श्याम है…, कीर्तन की है रात, जावण दे खाटू श्याम, मेरे खाटू श्याम, हो रही जय जयकार, राधा का भी श्याम, खाटू नगरी में बसे मेरे श्याम जैसे भजनों पर श्याम प्रेमी खूब झूमे। महिलाओं के साथ साथ बच्चे भी भजनों पर नृत्य करते नजर आए। बाबा की ज्योत जलाकर सभी श्याम प्रेमियों ने बाबा की ज्योत में आहुति दी। इसके अलावा भजन संध्या में अखंड ज्योति भी शामिल रही। भजन संध्या के दौरान श्रद्धालुओ पर पुष्प व इत्र वर्षा की गई। प्रभुश्री का आलौकिक श्रृंगार किया गया। अंत में सभी ने 56 भोग का प्रसाद लिया और आरती से कार्यक्रम का समापन हुआ।
निकाली गई भव्य निशान यात्रा-
एक बार फिर मां अहिल्या देवी की पावन धार्मिक नगरी पेटलावद श्री खाटू श्याम भजनो की भक्ति से सराबोर हो गई। सुबह से लेकर देर रात तक श्याम प्रेमी अपने खाटू श्याम के रंग मे दिखाई दिए। जिससे पूरा नगर धर्ममय हो गया। शाम 4 बजे से नगर के गणेश मंदिर से एक विशाल निशान यात्रा निकाली गई, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। खास बात यह रही कि सम्पूर्ण आयोजन करने वाला श्याम और कराने वाला श्याम, ठीक इसी तर्ज पर आयोजित किया गया।
50 सदस्यों की समिति कर रही सहयोग :
नगर में बाबा श्याम खाटू के भक्तों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। प्रति शुक्ल पक्ष की एकादशी को अनेक भक्त खाटू जाकर बाबा की आराधना करते हैं। दूसरी ओर कृष्ण पक्ष की एकादशी को स्थानीय स्तर पर भजन कीर्तन, 56 भोग व आरती का आयोजन किया जा रहा है। जिस श्याम प्रेमी को अपने यहां भजन संध्या रखना हो वो समिति को पहले से सूचना दे देता है। आयोजन में होने वाला खर्च किसी को भारी न पड़े इसलिए सभी जनमानस का सहयोग लेकर आपस में पैसा इकट्ठा कर उसे भजन संध्या में हुए खर्च की भरपाई के लिए दे रहे हैं। फिलहाल समिति में 50 से अधिक सदस्य है।

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