अतिक्रमण की जद में आया नगर, सडक़ों के बीचीबोच ठेलागाड़ी व्यवसायियों से राहगीर परेशान

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सलमान शेख, पेटलावद 

शहर में अतिक्रमण लोगों के लिए नासूर बन गया है। धर्मनगरी की सडक़ों पर अतिक्रमण की भरमार है, इससे नपं पूरी तरह से बेखबर है। अतिक्रमण करने वालों को नोटिस थमा कर अधिकारी सो गए हैं, मगर उसके बाद भी हालात जस के तस बने हैं। अतिक्रमण की जकड़ में आधा शहर है। नगर क्षेत्र में दूकानदारों द्वारा अतिक्रमण करना कोई नयी बात नहीं है। सालों से यह समस्या चली आ रही है। प्रशासन और नगर परिषद के उदासीन रवैये के चलते सडक़ें संकरी होती जा रही हैं। नियमानुसार दुकानदारी करने वाले लोग इसे राजनीतिक शह का नतीजा बता रहे हैं, जिसके दबाव के चलते अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई की बजाये चेतावनी देकर काम चलाया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण पेटलावद नगर में इन सब्जी व्यापारियो के हौसले बुलंद होते जा रहे है। सडक किनारे अतिक्रमण के कारण आवागमन में लोगों को परेशानी होती है। साथ ही हादसे का भय भी हमेशा बना रहता है।

डिवाइडर की हालत सबसे ज्यादा खराब:
नगर के मुख्य मार्ग कहे जाने वाले सांई मंदिर से लेकर नया बस स्टेंड तक भले ही डिवायडर बनाकर मार्ग विभक्त कर दिया हो पर हाथ ठेला ओर सब्जी विक्रेताओं ने इस पर ऐसा मार्ग घेरकर कब्जा कर रखा हैं कि यातायात अवरूद्ध होना आम हो चुका हैं।
इस मार्ग पर प्रसिद्ध नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर का शिवालय भी स्थित हैं। सडक़ पर दुकान लगा लेने से ये मार्ग महज कुछ फीट की चौड़ाई में सिमट कर रह जाते हैं। इसके बावजूद मार्ग पर दो पहियाए चार पहिया वाहनों का दबाव होने से साप्ताहिक बाजार के दिन ये मार्ग पूरी तरह बंद हो जाते हैं। यहां तक कि आम लोगों को निकलने के लिए भी जगह नहीं बचती। इस कारण अब उक्त मार्गों पर आये दिन दुर्घटनाएं घटित होने से दो पक्षों को आपस में विवाद करते हुए आसानी से देख जा सकता है। नगर की जनसंख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है जबकि उसके हिसाब से लोगों को रोजगार एवं दुकानों के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

सडक़ पर हो रहे हादसो का एक बड़ा कारण मार्ग के किनारे लग रही सब्जी के ढेले भी है। इन ढेले वालो के कारण मार्ग सकरा हो जाता है और मार्ग पर वाहनो को निकलने के लिए जगह कम बचती है। यहीं नही इन सब्जी ढेले वालो को नपं ने सब्जी की दुकाने पक्की बनाकर दी है, लेकिन उन्होने लालच में वह दुकाने पगड़ी पर दे दी और खुद ढेले पर दुकान लगाकर सब्जी बेच रहे है। इन हाथ ढेला सब्जी व्यापारियो पर भी कार्रवाई होना चाहिए और इन्हें यहां से हटाया जाए।

जहां मन किया खडा कर दिया वाहन:
सब्जी वालों ने तो मुख्य मार्ग को घेर ही रखा हैं साथ में बडे छोटे वाहनों ने भी इस मार्ग को अपनी जागीर समझ लिया हैं। जहां मन किया वाहन बीच रास्ते में ही खडे कर देते हैं ओर घंटो अपने कार्य में व्यस्त रहते हैं। ऐसा नही हैं कि इस कार्य के लिए कोई अमला नही हैं फिर भी इनके हौसलों की दाद देना पडेगी। इस कारण कई बार घंटो जाम की स्थिति भी निर्मित हो जाती हैं।

आज तक नही हटा पाए अतिक्रमण:
जगह-जगह फैले अतिक्रमण को आज तक न तो प्रशासन और न ही नगर परिषद हटा पाया है। इस कारण समस्या जस की तस बनी हुई है। छोटे-बड़े वाहन चारो ओर बेतरतीब तरीके से अपना वाहन खड़ा कर रहे है। उनकी इस आदत में कोई सुधार नही हो रहा है। शहर के पुराना बस स्टैंड पर जहां सब्जी विक्रेताओं एवं व्यापारियों द्वारा व्यापक पैमाने पर कब्जा किया है। कुछ ऐसा ही हाल शहर के झंडा बाजार, कानवन मार्ग का है। जहां बैंक के आगे दोपहिया वाहनो की धमाचौकड़ी से स्थिति मे सुधार नहीं हो पा रहा है और हादसे सामने आते जा रहे है।
शहर के मुख्य मार्ग में फुटकर व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की वजह से सडक़ फिर से संकरी हो गई है। सडक़ के कहीं ज्यादा चौड़ी तो कहीं कम चौड़ी होने की वजह से भी ट्रैफिक का अधिक दबाव बन जाता है। भारी वाहनो के प्रवेश पर रोक नही लगना। बेतरतीब पार्किंग और चौराहो पर खड़ी बाईको से भी यातायात की समस्या की मूख्य वजह बनी हुई है। अनेक बार ऐसे हालात में वाहनो के दुर्घटनाएं होने से लोग चोटिल हो चुके है। कुछ मामले थाने तक भी पहुंचते है तो कुछ सडक़ पर ही निपटा लिए जाते है।

पार्किंग की कवायद नही, डेंजर हो रहे चौराहे:
शहर के चौराहे डेंजर जो में तब्दील होते जा रहे है। जो सीधे तौर पर हादसों की तरफ इशारा कर रहे है। कई दुुर्घटनाएं भी सामने आ चुकी है। वाहनो की अंधी दौड़ भी रफ्तार कारण बनी हुई है। सारी कोशिशे करने के बाद भी इस व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं आया है। उधर..ऐसा ही हाल अव्यवस्थित पार्किंग का भी है। नपं ने अभी तक पार्किंग का कोई हल नही तलाशा है और न ही इस लचर व्यवस्था को सुधारने में कोई कवायदें नहीं कर रहा है। वाहनो के बढ़ते दबाव का असर सडक़ो पर देखा जा सकता है।
स्थानांतरित हो सब्जी बाजार:
स्थानीय नागरिकों ने यह मांग की हैं कि नियत स्थान पर सब्जी मंडी लगाई जाए। इन सबसे दो फायदे होंगे एक तो लोगों को दुकानों के लिए पर्याप्त स्थान मिल जाएगा दूसरा नगर की सुंदरता में बढ़ोतरी होगी।

शहर के आंतरिक मार्गो पर भी भारी अतिक्रमण:
नगर के विभिन्न मार्गों पर अतिक्रमण का जाल फैला हुआ है। इस वजह से जहां आवगामन करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर के झंडा बाजार से लेकर गणपति चौक, गांधी चौक से लेकर साई मंदिर तक, मुख्य मार्ग, जवाहर मार्ग, कानवन मार्ग, थांदला मार्ग, बामनिया रोड़, भोई मोहल्ला, अंबिका चौक से लेकर सुभाष मार्ग आदि क्षैत्रो में अतिक्रमण नासूर बन गया है। लोगो ने अपना सामान सडक़ तक लाकर अब हद ही कर दी है।

छोटे दुकानदारों को केसरिया कुण्ड में बैठाने की योजना अधर में:
नपं द्वारा बाजार में सडक़  किनारे अतिक्रमण कर दुकानें संचालित करने वाले फुटकर एवं छोटे दुकानदारों को नगर के मध्य में स्थित केसरिया कुण्ड में बैठाने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। बताया गया कि एकमात्र यही स्थान है जहां सब्जी और दूसरे अन्य फूटकर व्यापारी यहां बैठ सकते है इसके लिए यहां पूरी तरह मार्केट बनाने की योजना है। यहां छोटे एवं फुटकर दुकानदारों के लिए करीब 100 दुकानों का प्रावधान किया है लेकिन बीते कई सालों से यह सिर्फ कागजी प्लान भर बनकर रह गया है।
जिसका मुख्य उद्देश्य यह था कि गांधी चौक से लेकर नया बस स्टैंड तक, झंडा बाजार, जवाहर मार्ग आदि सडक़ो के दोनों ओर अतिक्रमण कर दुकानें संचालित करने वाले छोटे दुकानदारों को रोजगार के लिए केसरिया कुण्ड में जगह मुहैया कराई जाना थी ताकि सडक़ से अतिक्रमण हट सके, लेकिन अभी तक यहां एक भी काम नही हो पाया है, यहां गंदगी ही गंदगी पसरी पड़ी है और दूसरी ओर इन बेचारे छोटे दुकानदारो को पसरी गंदगी के बीच ही दुकाने लगाने के निर्देश नपं द्वारा दे दिए गए। अगर कोई भी अधिकारी यहां निरीक्षण करे तो उसे यहां के हालत देखकर ही पता लग जाएगा ऐसी स्थिति में क्या यहां दुकाने लगवाना उचित है या फिर इसे पूरी तरह सही करकर दुकाने लगाई जाए।

 

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