अलविदा 2018- पेटलावद: कई उपलब्धियां जुड़ी, कुछ पर नहीं हुआ काम…

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सलमान शैख़, झाबुआ Live..
वर्ष 2018 पेटलावद विधानसभा के लिए कई मायनो में खास रहा। कई मुद्दे ऐसे भी रहे जिनकों लेकर जनता में भारी रोष रहा।
28 नवम्बर 2018 को पूरे राज्य में जब विधानसभा के लिए वोट डाले गए तो राज्य से लेकर केंद्र तक के नेताओं की नजरें इन चुनावों में खासकर पेटलावद पर लगी रही। 11 दिसम्बर को पेटलावद को कांग्रेस समर्थित वालसिंह मेड़ा के रूप में नया विधायक मिला। कांग्रेस के लिए ये खुशी उस वक्त और बढ़ गई जब राज्य में भी कांग्रेस की सरकार बन गई।
इससे पहले भाजपा समर्थित विधायक को जिताकर विकास की उम्मीद जगाई थी। लोगों को लगा कि अब डबल इंजन विकास के रूप में पेटलावद में धमाल मचाएगा, क्योंकि राज्य ओर केंद्र में भी भाजपा की सरकार थी, लेकिन जनभावनाओं के विपरीत पेटलावद विधानसभा में कार्य हुए, जिसने जनता का आक्रोश और भड़का दिया।
दोनो प्रमुख संगठनों के लिए मिला-जुले असर वाला रहा यह साल:
वर्ष 2018 कांग्रेस तथा भाजपा के लिए मिले जुले असर वाला रहा हैं। वर्ष 2018 में राजनेताओं, अधिकारियों व पेटलावद के नागरिकों के लिए कहीं खुशी कहीं गम जैसा माहौल निर्मित कर विदा हो गया हैं। शहर के नागरिकों के लिए सरकार द्वारा चलाई गयीं विभिन्न योजनायें साल गुजर जाने के बाद भी आज तक अधर में ही लटकी हुई हैं। पेटलावद की कई महत्वाकांक्षी योजनाओ में अभी भी समय लगने की संभावनायें बनी हुई है।
वहीं शहर के विकास के लिए प्रारंभ की गई सीवर लाईन योजना, सडक़ निर्माण जैसी अन्य योजनायें द्रोपदी के चीर की तरह समाप्त होने का नाम नहीं ले रही हैं। उक्त योजनाओं पर शासन द्वारा स्वीकृत धन राशि से कहीं अधिक व्यय हो जाने के बावजूद भी पूर्ण नहीं हो पा रही हैं। वहीं कांग्रेस तथा भाजपा दोनों ही राजनैतिक दल श्रेय लेने की राजनीति में उलझे रहे तथा विकास कार्यों की ओर समुचित ध्यान नहीं दिया गया। राजनैतिक दलों को भी बीता वर्ष दर्द देने में पीछे नहीं रहा हैं। वहीं अधिकारी भी इस वर्ष अछूते नहीं रहे हैं।
श्रेय की होड में लगे रहे राजनेता
क्षेत्रभर में शासन द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्यों को लेकर कांग्रेस तथा भाजपा के राजनेता श्रेय लेने की राजनीति से नहीं उभर पाये। श्रेय लेने की होड़ में जन सामान्य को उसका खामियाजा भुगताना पड़ रहा हैं। आरओ वॉटर योजना जो कि पेटलावद के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण थी। जनता बस तारीख पर तारीख गिनी जाती रही है। लेकिन आज तक माही का पानी नागरिकों को उपलब्ध नहीं हो पाया हैं। हालांकि माही का पानी पेटलावद के ग्रामीण अंचलों तक लाने में स्वर्गीय सांसद दिलीपसिंह भूरिया व उनकी बेटी पूर्व भाजपा विधायक सुश्री निर्मला भूरिया की अहम भूमिका रही हैं। लेकिन अभी शहरवासियों की नलों की टोटिंयों में पानी पहुंचने में समय लगना तय हैं।
आश्वासनों पर गुजरा पूरा वर्ष:
जनता को सुविधा मुहैया कराने के लिए राजनेताओं द्वारा लगातार आश्वासन पर आश्वासन दिए जाते रहे हैं, लेकिन जनता को उनसे कोई लाभ नहीं हो पाया है। चाहे वह सिविल हॉस्पीटल की सौगात से स्वास्थ्य सुविधाओं, सडक़ों, पेयजल, शिक्षा, उद्योग, बेरोजगारी अथवा शासन द्वारा क्रियान्वित की गई योजनाऐं हो। शासन का करोड़ों रूपया व्यय हो जाने के बावजूद भी जनता को उसका लाभ नहीं मिल पाया। सिविल हॉस्पिटल में जहां निर्माण कार्य में तो करोड़ों रूपया पानी की तरह बहा दिया गया लेकिन कार्य मे ढीलापन भारी पड़ रहा है। जिस कारण अभी तक आईसीयू, मेडीकल स्पेशलिस्टि चिकित्सक जैसी मूलभूत सुविधायें तक जनता को नही मिल पाई हैं। शासन द्वारा इस ओर गंभीरता से विचार करते हुए यह सोचना चाहिए कि जल्द से जल्द उक्त हॉस्पिटल बनाकर अंचल के ग्रामीणो को उपचार मुहैया हो सके।
जबकि उक्त मामले को लेकर प्रभारी मंत्री सहित आला नेताओं ने आश्वासन ही दिए गए लेकिन जनता की समस्या जस की तस बनी रही, लेकिन अब वर्ष 2019 में क्या इस सौगात को अंचलवासियो को नई सरकार द्वारा किया जा सकेगा? यह तो आने वाला ही कल बताएगा।
वर्ष 2018 ने कांग्रेस को दिया गम:
वर्ष 2018 के आगमन के साथ ही भाजपा को गम देना शुरू कर दिया जिसमें सबसे बड़ा झटका भाजपा को इस विधानसभा चुनाव में हार से लगा। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कभी नही सोचा होगा कि यह वर्ष उन्हें अगले 5 वर्षो तक सत्ता से दूर कर देगा, जो भाजपा के लिए बहुत बड़ा झटका था। सुश्री भूरिया एक स्वच्छ छवि, मिलनसार नारी थी। उनके हारने से पेटलावद विधानसभा क्षेत्र ही नहीं अपितु पूरे जिले की राजनीति पर इसका प्रभाव पड़ा।
आने वाला वर्ष 2019 किसको खुशी देगा तथा किसको देगा गम:
पेटलावद की पूर्व विधायक निर्मला भूरिया का चुनाव में हार हो जाने से जहां भाजपा का भारी क्षति का सामना करना पड़ा है। क्योंकि उनके 10 वर्षो के कार्यकाल में पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा विकास कार्यों की झड़ी सी लगी थी। पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा करोड़ों के विकास कार्य स्वीकृत किए जा चुके हैं, जो पेटलावद की जनता के लिए आने वाले भविष्य में लाभ दायक होंगे। उक्त विकास कार्यों के अलावा और भी घोषणायें शासन द्वारा की जा सकती हैं जिसका लाभ निश्चित रूप से पेटलावद विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों को होगा। अब देखना यह होगा कि आने वाला वर्ष 2019 किसको खुशी देगा तथा किसको देगा गम।

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