फुतालाब में देर रात तक चला अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, व्यंगों और कवियों के काव्यपाठ के बीच बार बार बजती रही तालियां,

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर
मेघनगर। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्रीवनेश्वर मारुति नंदन हनुमान मंदिर प्रांगण में शनिवार को मुबई की कवयित्री राणा तब्बसुम की मां सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुआ कवि सम्मेलन शुरुवात से लेकर अंत तक बार शीर्ष पर पहुंचता रहा। रो-.रोज आतंकी हमले हम कब तक झेलेंगे कब तक हम समझौता-समझौता खेलेंगे वीर रस से भरपूर बरेली के गौरी शंकर धाकड़ की इस कविता ने फुटतालाब में चल रहे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन को वीर रस से ओतप्रोत कर युवाओं में जोश का संचार कर दिया। इटारसी के हास्य कवि राजेंद्र मालवीय आलसी ने अपने चुटीले और व्यंगात्मक अंदाज से युवाओं को खूब हंसाया। मोहबत की हकीकत भी हम तुमको बता नही सकते मोहब्बत उसी से होती है जिसे हम पा नहीं सकते युवाओं को बहुत ऊर्जा दी, नोटबंदी के बाद की भारत के घरों की घटनाओं और पति-पत्नी के संवाद को वो हास्य से भावनात्मक स्वरूप तक ले गए। हास्य बम के नाम से पहचाने हो जाने वाले बारा राजस्थान के सुरेंद्र यादवेंद्र ने बजाओ तालियां शीर्षक के नाम से अपनी लोकप्रिय कविता का काव्य पाठ किया, उनकी पंक्तियां तीन रंग वाले के स्वाभिमान के लिए भारत की आन-बान-शान के लिए जिएंगे-मरेंगे हिंदुस्तान के लिए, ने आयोजन स्थल को देश भक्ति से भर दिया स अंचल के वरिष्ठ कवि निसार ने देश में हो रहे शहीदों के अपमान पर बोली गई। अपनी पंक्तियों से खूब तालियां बटोरी स शहीदों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, नेताओं तुम सत्ता की खातिर नहीं दो यह बयान, अपने दिल का दर्द जुबां पर लाना मुश्किल ह, अपने लोगों पर इल्जाम लगाना मुश्किल है।इन पंक्तियां पर निसार रंभापुरी के लिए जोरदार तालियां बज। तबस्सुम राणा की पंक्तियां रोज ख्वाबों में आ रहे हो तुम, दिल की धडक़नों को बढ़ा रहे हो तुम, मोहब्बत है तो पास आ जाओ, दूर से क्यों सता रहे हो तुम, ने वहां उपस्थित युवाओ पर गहरी छाप छोड़ी। मुंबई से फूट चलाओ पहुंचे सुरेश मिश्रा ने नोटबंदी ने हमको मारा है और हम जीएसटी के भी सताए हुए हैं कविता से लोगों को लोगों लोगों की परेशानी और परिस्थितियों को हंसी के चुटकुले के माध्यम से प्रस्तुत किया। कवि सम्मेलन में राजीव निगम लाफ्टर मास्टर मुंबई, राजेन्द्र मालवीय हास्य कवि इटारसी, सुरेंद्र यादवेंद्र कोटा,गौरी शंकर धाकड़ वीररस बरेली, मुकेश गौतम हास्य कवि मुंबई, राणा तबस्सुम गीत गजल मुंंबई, निसार रंभापुरी, सुरेंद्र मिश्रा ने एक से बढक़र एक प्रस्तुतियां दी। रात 2 बजे तक हजारो लोग कवि सम्मेलन सुनते रहे ।

छा गए राजीव निगम
श्री बनेश्वर मारुति नंदन हनुमान जयंती महोत्सव में छोड़ चला प्रांगण में पहली बार पहुंचे लाफ्टर चैलेंज स्टार राजीव निगम ने अपने चुटीले और बहुत ऊंचे स्तर के व्यंगों से उपस्थित बुजुर्गों और युवाओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजू निगम ने मीडिया की खबरों को बढ़ा चढ़ाकर बताने को लेकर भी व्यंगात्मक प्रस्तुतियां दी। उनके शव यात्रा और शोक सभा के रंगों को लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिला। राजू निगम ने आयोजन समिति के सदस्य श्री सुरेश चंद पूरणमल जैन राजेश रिंकू जैन जैकी जैनए रिनिश, तनीश जैन, बृजेंद्र चुन्नू शमा, सुशील शर्मा, राजेंद्र सिंह नायक मंदिर के महंत मुकेश दास महाराज और श्री राम दास जी त्यागी टाट वाले बाबा के साथ-साथ समिति के सभी सदस्यों का आभार भी व्यक्त किया। कार्यक्रम प्रारंभ के पूर्व सभी सदस्यों ने राजीव निगम और मंच पर उपस्थित अन्य कवियों का अभिनंदन स्वागत किया के अंत में भारत माता की आरती में भी कवियों के साथ श्रोताओं ने भी उत्साह के साथ भाग लिया स रोटरी क्लब और हनुमान टेकरी सामिति झाबुआ के सदस्यों आयोजन सामिति का अभिनंदन कर सम्मान किया।

आयोजन सामिति ने आभार व्यक्त किया
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम की भोजन, लाईट,सुरक्षा, ट्रैफिक और अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग देने और कार्यक्रम में पेटलावद, सारंगी, रानापुर, रंभापुर, थांदला,झाबुआ और पास के अलीराजपुर,इंदौर, राजस्थान के कुशलगढ़ गुजरात के दाहोद से पूरे आयोजन में पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं का श्रीवनेश्वर मारुती नंदन हनुमान जयंती महोत्सव समिति के सदस्य श्रीमती वीणा देवी जैन, श्री मुकेशदास जी महाराज, श्रीरामदास जी त्यागी टाट वाले बाबा, श्री सुरेशचन्द्र पूरणमल जैन,श्रीमती सीमा जैन, राजेश रिंकू जैन, श्रीमती नीता जैन, बृजेंद्र चुन्नू शर्मा, राजेंद्र सिंह नायक, जैकी जैन, रिनिष जैन, पूजा, जूही, पूर्वा, अंतिम बाल, बिन्नी,अनिल कोठारी,माया कोठारी और हार्दिक कोठारी के साथ सभी सदस्यों ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के धर्म और संस्कृतियां प्राचीन काल से ही जीवटता के साथ संस्कारों को सहजने और उनका अनुसरण कर जीवन को सफल और ओजस्वी बनाने का संकेत देते रहे है। श्रीवनेश्वर मारुति नंदन हनुमान जयंती महोत्सव और श्रीगणेश, मां अंबे, मां महालक्ष्मी और मां सरस्वती की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ के कार्यक्रमों के माध्यम से आपको अतुलनीय सहयोग से हम सब भारत के धर्म और संस्कृति को बहुत विनम्रता के साथ गहरा करने के इस उद्देश्य में पिछले 10 वर्षों से सफल हो रहे है। फुटतालाब मंदिर प्रांगण में बनी आपके हजारों पदचिन्हों की आकृतियां ही हमारी ऊर्जा है। हम सभी का आभार व्यक्त करते हैं।

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