महुआ खरीदी से पीछे क्यों हटे आलीराजपुर और कट्ठीवाड़ा के व्यापारी

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गोपाल राठौड़ @ कट्ठीवाड़ा

मध्य प्रदेश शासन द्वारा 2002 में बने और 2004 में कागज पर लागू किये गये महुआ खरीदी को लेकर बनाए ग्रे अधिनियम को 2022 में आलीराजपुर जिले में लागू किये जाने से असमंजस का शिकार महुआ व्यापारियों ने महुआ खरीदी बंद करने का मन बनाया है। आज आलीराजपुर शहर और कट्ठीवाड़ा के व्यापारियों ने महुआ खरीदी बंद भी कर दी है ।

कड़े प्रावधानों से असमंजस

दरअसल, अधिनियम कागजों पर तो पुराना है लेकिन जमीन पर इस साल लागू करने और पहले से कानून का प्रचार प्रसार ना होने से महुआ व्यापारियों में असमंजस बरकरार है। जिन प्रावधानों को लेकर असमंजस है उसमें यह प्रावधान प्रमुख हैं 

1) अब व्यापारियों को हर क्रेता का डाक्यूमेंट्स रखना होगा ।

2) खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी ₹ 3500 प्रति क्विंटल पर ही करनी होगी जबकि बाजार भाव 30 रूपये है ऐसा ना करने पर कानूनी कार्रवाई होगी जबकि गुणवत्ता को लेकर व्यापारी क्या करेंगे इसके लिखित प्रावधान नहीं है।

3) अगर महुआ अब जैव उपज है तो मंडी समिति को टैक्स नहीं देना है सिर्फ वन विभाग और जीएसटी देना है ऐसा अधिनियम में स्पष्ट क्यों नहीं किया गया ।

कल ली थी डीएफओ ने बैठक

इस अधिनियम के जमीनी क्रियान्वयन के लिए कल आलीराजपुर में डीएफओ ने महुआ व्यापारियों की बैठक ली थी तथा पंजीयन करवाकर अधिनियम के प्रावधानों को समझाया था, लेकिन व्यापारियों का असमंजस दूर नहीं हुआ और खरीदी आलीराजपुर और कट्ठीवाड़ा में आज बंद हो गयी। दूसरी तरफ वन विभाग के डीएफओ का कहना है कि अगर कोई महुआ वन विभाग को बेचना चाहता है तो हम सभी का महुआ समर्थन मूल्य पर खरीदेंगे ।

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