हमेशा याद रखेगा पेटलावद; ऐसा रहा IAS हर्षल पंचोली का डेढ़ वर्षीय कार्यकाल, खूब रहे चर्चाओ में…

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live…
पेटलावद। मप्र प्रशासनिक अफसरो के तबादले का सिलसिला जारी है। सोमवार को राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरो के तबादले के आदेश जारी किए थे। जिसमें पेटलावद में एसडीएम के रूप में पदस्थ आईएएस हर्षल पंचोली को यहां से टीकमगढ़ जिपं सीईओ बनाकर भेजा गया है।
यह एसडीएम रहे काफी चर्चाओ में-
आईएएस हर्षल पंचोली जो पेटलावद में एसडीएम थे। वह बातें कम काम ज्यादा वाले सूत्र में भरोसा रखते थे। वैसे तो एसडीएम पंचोली खबरों में रहने से थोड़ा दूरी बनाए रखते थे, लेकिन उनका काम ही ऐसा था कि हमेशा उन्हें सुर्खियों में बनाए रखता था। धार्मिक नगरी उज्जैन में पले बढे 2015 बैच के आईएएस हर्षल पंचोली अपने बेबाक और तेजतर्रार तेवर के चलते कई बार सिस्टम से लोहा ले चुके है।
अपने डेढ़ वर्षीय कार्यकाल में उन्होनें पेटलावद की दिशा बदलकर रख दी। चाहे वह विभागीय या जनता से जुड़े कार्य हो, उन्होने इससे कभी समझौता नही किया। यूं तो पेटलावद शहर राजनीति के लिए सबसे ज्यादा मीडिया में सुर्खियों में रहता है, लेकिन एसडीएम के तेजतर्रार तेवर के चलते पेटलावद ने इन डेढ़ सालो में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी। फिर चाहे वह पूर्व ब्लाक अध्यक्ष से नौक-झौंक हो या फिर कोई जनप्रतिनिधि या नेता से कहासूनी की बात हो या फिर चुनावो में शांतिपूर्ण मतदान करवाने को लेकर सख्त रवैया अपनाने की चर्चा हो। हर बार एसडीएम ने ही सूर्खिया बटौरी।
हर तबका रहा प्रभावित-
एसडीएम के कार्यो ने हर तबके को प्रभावित किया, उनके कार्यो से शहर की तकदीर ही नही बल्कि लोगो की सोच में भी बदलाव आया। ऐसे अधिकारी जिस शहर में भी होंगे उसकी तस्वीर जरूर बदलेगी।
सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनो की गले की फांस-
आजकल अधिकतर अधिकारी सत्ताधारियों की जी-हजूरी करके अच्छे पदों पर लगने की फिराक में रहते हैं, लेकिन यह एसडीएम इससे बिल्कुल उलट थे, न तो इन्हें किसी नेता की जी हुजूरी पसन्द थी और न ही किसी अपने काम मे दखलंदाजी। उनके डेढ़ वर्षीय कार्यकाल में नेताओ की नही चली ओर सभी को मुंह की खानी पड़ी। चाहे कोई अधिकारी जनता के हित में काम करे और जनता उसके कामों से संतुष्ट हो लेकिन सत्ताधारी ओर विपक्ष दल नहीं चाहते कि कोई अधिकारी अपने कार्यों से जनता में मशहूर हो। सत्ताधारियों का केवलमात्र एक मकसद अधिकारी वर्ग से अपने सक्षम पूंछ हिलवाना है, लेकिन इनके आगे किसी नेता की एक नही चली।
नगर को दे गए एक बड़ी उपलब्धी-
भले ही एसडीएम पंचोली सब की नजर में टेड़े और घमण्डी बने रहे, लेकिन दूसरी ओर उनके इस कार्य को पेटलावद की जनता हमेशा याद करेगी, जिसे आज तक न तो कोई जनप्रतिनिधि करवा पाया था और न ही कोई अधिकारी। नगर में वर्षो से एक सर्वसुविधायुक्त बगीचे की कमी महसूस की जा रही थी। एक बगीचा बनाया भी जा रहा था, लेकिन वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया था, बस उसी के बाद उसे पूरा करने के लिए किसी ने आगे कदम नही उठाया। वहीं एसडीएम पंचोली ने जब अपना कार्यभार संभाला तभी से ही तहसील के सामने स्थित खाली पड़ी जमीन पर जहां शहीद स्मारक बना था वहां एक बगीचा डेवलप करने की ठान ली। इसके बाद उन्होनें यहां लगातार सफाई कराई, लोगो और सामाजिक संगठनो से जनसहयोग लिया। जिसका नतीजा यह रहा कि अब यह खाली जगह एक बगीचे के रूप में दिखने लगी है। एसडीएम पंचोली जाते-जाते पेटलावद को एक बड़ी उपलब्धी देकर जा रहे है, जो हमेशा पेटलावद याद रखेगा।

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