सदगुरु गौशाला में पशु स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर का हुआ आयोजन

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झाबुआ। मनुष्य अपना दुख-दर्द बोलकर बता सकता है, परन्तु मूक प्राणी अपने दुख-दर्द को इजहार नहीं सकते है, ऐसी हालात में हमे उनके प्रति करूणा एवं मैत्री का भाव जगाकर उनके दुख-दर्दों का इलाज कराने के प्रयास निरंतर करना चाहिए। उक्त विचार सदगुरु गौशाला में आयोजित पशु स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर में व्यक्त करते हुए पशु-पक्षी मैत्री संघ के संस्थापक यशवंत भंडारी ने कहा कि आज के समय की भीषण गर्मी के कारण पशु-पक्षी बहुत ही परेशान है। पीने का पानी नहीं मिलने के कारण अकाल काल के ग्रास बंद रहे है। हमे प्रकृति को बचाना है तो पशु-पक्षियों को भी बचाना होगा। श्वेतांबर जैन श्रीसंघ के व्यवस्थापक धर्मचन्द मेहता ने कहा कि जीव दया से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। हमे हमारे धन का सद्पयोग कर मूक प्राणियों की रक्षा करना चाहिए। आपने कहा कि मुनिश्री ऋषभचन्द्र विजयजी मसा ने अपना सारा जीवन मूक प्राणियों की रक्षा एवं गौ-सेवा हेतु समर्पित किया है तथा इनकी प्रेरणा से कई गौशालाओं का सफन संचालन हो रहा है। सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष नीरजसिह राठौर ने कहा कि आज का पशु स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर का आयोजन बहुत अच्छा प्रयास है और ऐसे प्रयास निरंतर होते रहना चाहिए।
राहत दिलाने के किए जा रहे प्रयास
हम विभाग के माध्यम से इन शिविरों का आयोजन कर इन बिमारी से तत्काल राहत दिलाने के प्रयास कर रहे हैै। पशु स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार षिविर में पूरे समय तक समय देने वाले डॉ. घुरिया का जैन सोष्यल ग्रुप एवं पशु-पक्षी मैत्री संघ की ओर से सम्मान मुकेश रूनवाल, डॉ. प्रदीप जैन, जितेन्द्र शर्मा, अशोक भावसार आदि द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक रिंकू रूनवाल का भी बहुमान उदय देखणे एवं पं. जितेन्द्र द्वारा हुआ।
पौष्टिक गौ-आहार खिलाया
इस अवसर पर आयोजनकर्ताओं द्वारा गौ-षाला में निवासरत सभी गायों को पोश्टीक आहार के रूप में गेहूं की थूली, गुड़ एवं मूंगफली की खल खिलाई गई। पशु चिकित्सा विभाग की ओर से चन्द्रभाई, जुवानसिंह अमलियार, राजेश, कालूभाई, कृष्णा डामोर ने भी अपनी विशिष्ट सेवाएं प्रदान की।

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