वन कर्मचारी अपनी 19 सूत्री मांगों को लेकर उतरे हड़ताल पर

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विपुल पंचाल, झाबुआ
मप्र वन कर्मचारी संघ भोपाल के आव्हान पर 19 सूत्री मांगों का निराकरण नहीं करने पर वनकर्मी हड़ताल पर चले गए। मप्र वन कर्मचारी संघ इंदौर संभाग के अध्यक्ष अंतरसिंह बैस, उप प्रांताध्यक्ष प्रकाश वाजपेयी, जिलाध्यक्ष भीमसिंह कुशवाह, झाबुआ जिलाध्यक्ष राजेंद्र अमलियार के नेतृत्व में वन कर्मचारियों ने मांग की कि उन्हें राजस्व, पुलिस के समान वेतनमान एवं 13 माह का वेतन दिया जाए। वन कर्मियों को सशस्त्र बल घोषित करने हेतु आईपीसी एवं सीआरपीसी में संशोधन कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रदान किए जाए, वन रक्षक से लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर तक के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की वर्दी अनिवार्य की जाए तथा अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 45 की उन्मुक्ति प्रदान की जाए, समस्त वनरक्षकों की नियुक्ति से गे्रड पे 199/5680 का लाभ दिया और जिन्हें लाभ मिल गया उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार रोक लगाई जाए। स्थाई कर्मी को चतुर्थ श्रेणी में मप्र शासन के आदेशानुसार समायोजित कर सातवा वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति एवं वर्दी प्रदान की जाए। वन कर्मियों को महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर 5 हजार रुपए वर्दी भत्ता दिया जाए। वन कर्मियों के निवास वनरक्षक, वनपाल, उपवनक्षेत्रपाल, वन क्षेत्रपाल के निवास को सर्वसुविधायुक्त बनायया जाक परिवार के हेतु तहसील एवं जिला स्तर पर आवंटन किया जाए। वन कर्मियों को 3 माह का वेतन पौष्टिक भत्ता, नक्सलाइड भत्ता, टाइगर रिजर्व की बीटों में दो वनरक्षकों की पदस्थापना, सहायक ग्रेड 24000-8000 व लेखापाल 4000-6000 है पदोन्नति पर 4500-7000 का वेतनमान स्वीकृत किया जाए व अन्य विभागों की तरह बिना परीक्षा के उत्तीर्ण कर पदोन्नति किया जाए, लघु वेतन कर्मचारियों की पदोन्नति 10 वर्ष में की जाकर पदोन्नति का कोटा 50 फीसदी किया जाए, वर्ष 2005 के पश्चात नियुक्त कर्मचारियों को भी पूर्व की भांति पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिले, वन कर्मियों को विश्राम का समय दिया जाए, वन सेवा के दौरान दिवगंत कर्मचारियों को वन शहीद का दर्जा दिया जाए व वन शहीद स्मारक का निर्माण हो, वन अपराध के दौरान हुई वन हानि की वसूली वन कर्मचारियों से बंद की जाए। ठूठों की गणना एक गर्थक्लास कम करके की जाए, डिपो में परिवहन की गई वनोपज का मिलान एक माह में किया जाए, इसके पश्चात वनोपज कमी को अमान्य किया जाए। वन कर्मचारियों को मेडिक्लेम से जोडक़र उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा का लाभ दिया जाए, 10 वर्ष पूर्व से नियुक्त वन विभाग में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को संविदा नियुक्ति दी जाए, तेंदूपत्ता प्रबंधकों को न्यूनतम 15 हजार रुपए मानदेय दिया जाए, वनविभाग के मानत्रिचकारों को छत्तीसगढ़ राज्य की भांति पदनाम बदलते हुए नवीन मानचित्र का ग्रेड-पे के साथ मानचित्रकार के पद में एक एसडीओ कोटे से पदोन्नत किया जाए।

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