लॉकडाउन ने फीका किया त्योहार का मजा; इस बार सादगी से मनाई जाएगी ईद

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सलमान शैैैख़@ झाबुआ Live
पेटलावद। अलविदा अलविदा अलविदा है माह-ए-रमजान अब अलविदा हैं…….माह-ए-रमजान अब…अलविदा है।
मुस्लिम धर्मावलंबियो ने जामा मस्जिद और हुसैनी मस्जिद में माहे रमजान के आखरी जुमे (जुमा तुलविदा) पर अलविदा का कुतबा सुना। जब कुतबा पढ़ा गया तो सभी की आंखे नम हो गई।
बता दे कि रमजान माह में आखिरी जुमे का इस्लाम धर्म में अत्यधिक महत्व है। शुक्रवार को दोनों मस्जिदों में अलविदा नमाज पढ़ी गई। हालांकि शासन-प्रशासन के निर्देश के अनुसार दोनों मस्जिदों में नमाजी 5-5 की संख्या में ही पहुंचे। बाकी सभी लोगो ने नमाज अपने-अपने घरों में अदा की।

इस दौरान प्रशासन की टीम ने निरीक्षण भी किया। दोनों मस्जिदों में जाकर जानकारी जुटाई गई, हालांकि नमाजियों की संख्या 5 ही थी, इससे प्रशासनिक अधिकारी भी संतुष्ट नजर आए। निरीक्षण में एसडीएम एमएल मालवीय, एसडीओपी श्रीमती बबिता बामनिया, नायब तहसीलदार जितेंद्र अलावा, पटवारी सिंगाड सहित पुलिस जवान मौजूद थे।
इस बार बाजारों में रौनक गायब, सादगी से ईद मनाने की अपील:
लॉकडाउन 4 में मिली छूट के बाद बाजार गुलजार हो गए हैं, लेकिन वह रौनक नहीं लौटी है जिसकी उम्मीद दुकानदारों को है। कारण है कि ईद नजदीक है इसके बाद भी अपेक्षाकृत खरीदारी नहीं हो रही है। कोरोना के बढ़ते कहर के चलते ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में भी इस बार सादगी से ईद मनाने की तैयारी है। कोरोना महामारी को देखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ‘नो शॉपिग फॉर ईद’ का अभियान चला रखा है। लोग इसका समर्थन भी कर रहे हैं। शॉपिग नहीं करने का फैसला लिया जा रहा है। समाजजनों का कहना है कि शहर के रोजेदारों की मंशा है कि इस साल ईद-उल-फित्र का पर्व बेहद सादगी से मनाया जाए। अधिकांश लोगों का मत है आपदा की घड़ी में ईद की खरीदारी भी न की जाए। शॉपिग के पैसों से आसपास में रहने वाले जरूरतमंदों की मदद करना अधिक श्रेयस्कर है। रेडीमेड दुकानदार कहते हैं कि इस बार ईद पर लोग खरीदारी से बच रहे हैं।
ईद पर नहीं पहनेंगे नए कपड़े:
मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा कहा जा रहा है जब मस्जिदों में नमाज, तरावीह बंद है, मस्जिदें वीरान हैं तो इस बार ईद का भी सेलिब्रेशन नहीं होना चाहिए। हम नए कपड़े, जूता, चप्पल, आभूषण क्यों खरीदें। शहर के इमाम अब्दुल ख़ालिक़ साहब ने कहा कोरोना वायरस से दुनिया भर के लोग परेशान हैं। लॉकडाउन की वजह से भुखमरी, बेरोजगारी का संकट बना है, ऐसे में धूमधाम से ईद कैसे मना सकते है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि वह सादगी से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ईद की रस्म अदा करेंगे। सदर राहिल रजा मंसूरी ने कहा कि शॉपिग के पैसों से गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करें।
कल चाँद दिखा तो परसो होगी ईद-
आज शुक्रवार को 28 वां रोजा मुकम्मल हो गया है। समाजजनों द्वारा कल चाँद दिखा तो परसो ईद मनाई जाएगी। चांद देखने की कोशिश की जाएगी। चांद दिखा तो रविवार को ईद मनाई जाएगी। चांद नहीं दिखा तो पेटलावद में ईद सोमवार को मनाई जाएगी। हालांकि उलेमाओ का मानना है कि शनिवार को चांद दिख सकता है। रविवार को ईद होगी। ईद की नमाज का समय सभवतः साढ़े 8 से 9 बजे का रहेगा।
ए अल्लाह इस वबा का दुनिया से खात्मा अता फरमाओ:
ए अल्लाह हमारे मादरे वतन हिन्दुस्तान में अमन-चैन आपस में मोहबबत, भाईचारा और खुशहाली पैदा फरमा। ए अल्लाह हमारे मुल्क की दुश्मनों की नजर से हिफाजत फरमा और मुल्क के शरपसंद लोगों से महफूज रख। ये जो वबा (कोरोना महामारी) दुनिया मे चल रही है, इसको आपके हबीब (सवस) के सदके में जड़ से खात्मा अता फरमाओ। लोगों की जान-माल को खतरा पैदा करने वाले लोगों से निजात दिला। हमारे मुल्क के अमन और भाईचारे को किसी की नजर न लगे, ऐसी दुआ जुमे की नमाज के बाद सलातोसलाम के बाद मौजूद मुस्लिम समाजजन ने अल्लाह से मांगी।

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