रेल परियोजनाएं तो भूरिया की मेहनत का परिणाम है, जीएस डामोर को दूसरों के काम का श्रेय लेने की आदत : कांग्रेस

0

झाबुआ। भाजपा के रिटायर्ड अफसर प्रत्यारशी गुमानसिंह डामोर ने दो दिन पहले एक टीवी चैनल से साक्षात्काकर में संसदीय क्षेत्र के आदिवासी अंचल में नई रेल परियोजना भाजपा द्वारा लाई जाने की बात कही है। डामोर के इस कथन पर भारी आश्च र्य प्रकट करते हुए विधायक कलावती भूरिया, जिला कांग्रेस अध्योक्ष निर्मल मेहता युवा नेता डॉ. विक्रांत भूरिया, चुनाव संचालक रमेश डोशी, वरिष्ठि नेता शांतिलाल पडियार और गुरूप्रसाद अरोरा तथा प्रवक्ता आचार्य नामदेव और हर्ष भट्ट ने पलटवार करते हुए जारी बयान में कहा है कि गुमानसिंह डामोर भाजपा नेता बनने के पूर्व सरकार के पीएचई विभाग में अफसर थे। उन्होंजने अपने सेवाकाल में अधीनस्थप विभागीय अधिकारियों के अच्छेो कार्यों का श्रेय लेकर नौकरी में भरपूर फायदे उठाये है। राजनीति में आने के बाद भी अपनी इस चतुराई से वे मुक्तर नहीं हुए हैं। दरअसल डामोर को दूसरों के अच्छे काम का श्रेय लेने की अब तो आदत सी पड़ गई है। पूरे रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के लोग जानते हैं कि रेल सुविधा से वंचित आदिवासी अंचल के लिए 1347 करोड़ रूपये लागत की जो तीन रेल पारियोजना भारत सरकार से मंजूर हुई हैं वे कांग्रेस सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया की 10 साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है। कांग्रेस नेतोओं के संयुक्त बयान में कहा गया है कि गुमानसिंह को शायद मालूम भी नहीं होगा कि वर्ष 8 फरवरी 2008 को झाबुआ के कॉलेज मैदान पर तत्कालीन प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहनसिंह और रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने इन परियोजनओं का भूमि पूजन किया था। भूमि पूजन के कार्यक्रम में मप्र के तत्कारलीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी शिष्टाचार के नाते शामिल हुए थे। बाद में 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो भाजपा ने हर संभव कोशिश करके इन रेल परियोजनाओं के काम को आगे नहीं बढऩे दिया। भाजपा की मप्र सरकार ने रेल पटरियां बिछाने के लिए लगने वाली जमीन उपलब्धा कराने में लंबे समय तक कोई रूचि नहीं ली। नतीजतन काम तेजी से आगे नहीं बढ़ पाया। यदि समय पर जमीन मिल जातीए तो आदिवासी अंचल के लोगों को अब तक रेल सेवा मिलना शुरू हो चुकी होती। काम के गति न पकडऩे के पीछे भाजपा और उसकी सरकार की बदनीयति ही कारण मुख्य रही है। पता नहीं अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए जनहित पर कुठाराघात करने में भाजपा को सुख क्यों मिलता है।
बयान में गुमानसिंह को चेतावनी दी गई है कि वे अब तो नेता बन गए हैं। ऐसी दशा में अब अपनी फेंका-फेंकी की आदत छोडक़र तथ्यों के साथ बात करने की आदत डाल लें। यदि उनमें दम हैए तो ये तीन परियोजना मंजूर कराने एवं उनके काम को आगे बढाने के लिए उहोंने और भाजपा ने भूतकाल में जो प्रयास किये हैंए उनका सप्रमाण लेखा-जोखा रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र की जनता के सामने रखें और यह भी बतावें कि जब वे 2017 तक सरकारी नौकरी में थे तो फिर इन परियोजनाओं का श्रेय लेकर वोट मांगने का उनको नैतिक आधिकार किसने दे दिया ?

)

Leave A Reply

Your email address will not be published.