अर्पित चोपड़ा, खवासा
गुरुवार-शुक्रवार की रात किसानों के लिए आफत की रात बन कर आई। रात करीब तीन बजे अचानक बारिश के साथ गिरे ओलो से खेतों में खड़ी एवं कटिंग कर रखी फसलों को नुकसान हुआ है। रात में हुई पन्द्रह-बीस मिनट की बारिश के बाद रूक रुककर दो-तीन बार बारिश हुई। दिनभर सर्द हवाओं के कारण मौसम में ठंडक घुली रही। किसानों का कहना है कि मावठे की इस बारिश से गेंहू की खड़ी फसल में बहुत नुकसान हुआ है। किसान प्रेमसिंह चौधरी के अनुसार बारिश के कारण खेतों में खड़े गेंहू की क्वालिटी का स्तर गिर जाएगा। वहीं खेतों में रखा भूसा भी बर्बाद हो गया है। एक ओर कोरोना के कारण खेती का कार्य समय पर नहीं हो पा रहा है वहीं बारिश के कारण किसानों को दोहरी मार झेलना पड़ेगी। किसान कमलेश पटेल ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान गेंहू और चने में हुआ है। इस बेमौसम बारिश से गेंहू की चमक खत्म होकर गेंहू भूरे पड जाएंगे जिनका मूल्य भी किसानों को कम मिलेगा। पटेल के अनुसार गीली हुई फसल को थ्रेशर में निकालने में भी ज्यादा समय लगेगा जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। जो गेंहू थ्रेशर से 1 घंटे में निकलने थे वे अब करीब ढाई घंटे का समय लेंगे। किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। किसान नंदलाल मैण ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान गेंहू की खड़ी फसल में हुआ है। मिर्च और चने में भी नुकसान है। ओलावृष्टि से खेत मे खड़े गेंहू की बाली से गेहूं खेत मे ही गिर गए जिससे की खड़ी फसल में पचास प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है।
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