बड़े ही एहतिराम ओर सादगीपूर्ण तौर पर मनाया गया शहंशाहे पेटलावद हजरत ओढ़ी वाले दाता रे.अ. (दादाजी) का उर्स

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live

कोरोना महामारी ने परंपराओं को तोड़ा तो कई रवायतें भी बदल डालीं। पहले तो रमाजान ओर फिर ईद का त्योहार फीका रहा, इसके बाद कई वलियों के दरबारों में होने वाला उर्स या तो स्थगित कर दिया गया या फिर पबंदीयो का पालन करते हुए मनाया गया। अनलॉक 1 के फेस 2.0 में पेटलावद में हजरत ओढ़ी वाले बाबा के उर्स में न तो कोई कव्वाली का आयोजन हुआ और न ही लोग इकट्ठा हुए।
वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते धार्मिक स्थलों पर लोगो के जाने पर लगाई गई पाबंदी का पालन करते हुए पेटलावद में हजरत ओढ़ी वाले बाबा का 18 वां उर्स मुबारक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये मनाया गया।इक्का-दुक्का जायरीन बाहर से ही फातेहा करते नजर आए।
बता दे कि यह धार्मिक स्थल क्षेत्रवासियों की अगाध श्रद्धा का केंद्र बिंदु है। हर साल मनाए जाने वाले उर्स दोनों वर्ग के लोग देर रात तक जुटते थे। इसमें क्या कोई हिंदू क्या मुस्लिम दोनों वर्ग के लोगों के जुटने से गंगा जमुनी तहजीब उर्स के बहाने यहां नजर आती थी, लेकिन इस बार कोई ऐसा बड़ा आयोजन नही हो सका। इस बार कोरोना की वजह से सिर्फ बाबा को चादर चढ़ा कर रस्म अदा की गई।
8 जून से भले ही धार्मिक स्थल खुल गए हो, लेकिन यहां दरगाह कमेटी ने कोरोना को लेकर सजकता दिखाते हुए हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाने वाले उर्स को सादगीपूर्ण तरीके से मनाया। इससे पहले राजापुरा में पुलिस वाले बाबा को चादर पेश की गई। बाबा के उर्स का कुल शरीफ के साथ समापन भी हो गया।
उर्स के समापन पर देश दुनिया मे फैली कोरोना जैसी वबा को नेस्तनाबूद करने की दुआएं मांगी गई। साथ ही मुल्क में अमन-ओ-अमान व भाईचारा बनाए रखने की भी दुआए की गई। धार्मिक स्थलों पर जाने की पाबन्दियों को ध्यान में रखते हुए कूल में दरगाह कमेटी के 7 सदस्य मौजूद रहें।

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