पूर्व राज्य मंत्री ने प्रवासी मजदूरों को ले जाने वाली बसों के लिए प्रशासन पर भ्रष्टाचार के लगाए गंभीर आरोप

May

भूपेंद्र सिंह नायक@पिटोल

 

कोरोना महामारी और लोकडाउन के चलते गुजरात से में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों का आना सतत जारी है। पिटोल बॉर्डर पर उन मजदूरों को ले जाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सैकड़ों बसों का अधिग्रहण कर रखा है परंतु बड़े बस मालिकों एवं उनके एजेंटों द्वारा यहां पर गोरखधंधा कर रहे हैं।अपनी मर्जी से बसों में मजदूरों को बिठाकर रवानगी देते हैं बड़े बस के मालिक कि यहां पर 70 बसें प्रतिदिन लगती है। वही दूरदराज के सैकड़ों छोटे बस मालिकों की इक्का-दुक्का बस् लगी हुई है। वही बड़े बस मालिक जहां ज्यादा मुनाफा होता है वहां लंबी दूरी के जिले जैसे भिंड, मुरैना, झांसी, सतना, रीवा, शहडोल आदि लंबी दूरी के गंतव्य तक जाने के लिए प्रशासनिक कर्मचारी पर दबाव बनाते हैं एवं गाड़ी की स्लिप बनवा कर लंबी दूरी की बसों के पर भेज देते हैं जिससे व्यवस्था चरमरा गई है छोटे बस मालिक अभी भी अपनी बसों को सवारी बिठाने के लिए इंतजार कर रहे हैं।

* छोटे बस मालिकों के साथ पूर्व राज्य मंत्री ने प्रशासनिक कर्मचारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप*

आज सुबह 8बजे से पिटोल बॉर्डर पर कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं पूर्व राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गहलोत बस मालिकों के बुलावे पर आए थे वहां पर उन्होंने बस मालिकों की पीड़ा सुनई,  बताया कि यहां पर 4 शिप्टों में कर्मचारियों द्वारा काम किया जाता जा रहा है जिसमें चारों स्विफ्ट के कर्मचारी अपने अनुसार नियमों में परिवर्तन कर मनमर्जी के नियम बनाकर बसों को भेजते हैं एवं बड़े बस मालिकों के एजेंट ₹5000 तक प्रति बस कमीशन देकर इन अधिकारियों से सेटिंग कर बसों को भेज रहे हैं जबकि जबकि छोटे बस मालिकों का चार दिनों तक भी नंबर नहीं आ रहा है । वह भी यहां रोजी-रोटी करने के लिए इस लाक डाउन की वजह से यहां पड़े हैं परंतु बड़े बस मालिकों को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है वही रेड जोन से आने वाली बसों पर भी उन्होंने सवाल उठाया कि जब रेड जोन में करो ना संक्रमण ज्यादा है तो वहां की बसों को क्यों बुलाया जा रहा है हो सकता वहां का कोई भी ड्राइवर संक्रमित हुआ तो वे यहां के बस ड्राइवरों और जनता को भी संक्रमित करेंगे। वही मंत्री गहलोत ने कहा कि अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो हम जन आंदोलन करेंगे।

*जिम्मेदार बोले*

मेरे द्वारा पारदर्शिता से बसों का संचालन किया जा रहा है परंतु बसों के एजेंट एवं बस मालिक व्यवस्थाओं को अपनी मर्जी से चलाने के लिए दवा बनाते हैं। मेरी अनुपस्थिति में बस मालिकों द्वारा मनमर्जी से बस भेजते हैं परंतु आगे से झाबुआके छोटे बस मालिकों की गाड़ियों को भरने में प्राथमिकता देंगे।-अनुविभागीय अधिकारी डॉ अभयसिंह खराडी