पूरे प्रदेश में चल रहा है जंगल राज: कांतिलाल भूरिया

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व्यापमं घोटाले को लेकर प्रदेश सरकार को लिया आडे हाथJhabua_07

झाबुआ डेस्क।प्रदेश एवं जिले में कानून व्यवस्था का यह हाल है कि आजतक टीवी न्यूज चैनल के होनहार पत्रकार अक्षयसिंह जो प्रदेश में हुए 4 हजार करोड़ के व्यापमं घोटाले के सबूत एकत्रित करने के लिए आये थे ,की जिले के मेघनगर में संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। पिछले चार दिनों से अक्षयसिंह प्रदेश में जगह-जगह जाकर व्यापमं घोटाले की तहकीकात कर रहे थे, उनके पीछे कथित गिरोह द्वारा उन्हें न जाने खिलवा दिया कि उनके मुंह से झांग निकला और असामयिक मौत हो गई। प्रदेश में 3 से 4 हजार लोग व्यापमं के जाल में फंस कर जैलों में बंद है। अभी तक जिन लोगों के पास व्यापमं घोटाले के सबूत थे ऐसे करीब 45 लोग काल के गा्रस बन गए। यह बात पे्रस काॅन्फ्रेंस में पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया ने कहीं। निश्चित तौर पर जिन जिन लोगों ने व्यापमं घोटाले को लेकर आवाज उठाइ या प्रयास किया उनका हश्र ऐसा ही हुआ है। मध्यप्रदेश सरकार ढिंढोरा पीट रही है कि व्यापमं घोटाले की जांच एसटीएफ कर रही है, जबकि एसटीएफ प्रदेश सरकार की है।
सीबीआइ से जांच की मांग
भूरिया ने व्यापम घोटाले की उच्च स्तरीय जाच सीबीआई से करवाए जाने की बात कहीं। भूरिया ने कहा कि उक्त होनहार पत्रकार एवं ग्वालियर के डीन अरूण शर्मा की दिल्ली में हुइ संदिग्ध मौत से प्रदेश सरकार शंकाओं के घेरे मे आ गई है और कथित गिरोह ऐसे लोगों को जो सत्य उजागर कर रहे थे उनको मरवा रही है ताकि कोई सबुत नहीं बचे। कांतिलाल भूरिया ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार व्यापमं के सबूत जुटाने आए टीवी पत्रकार अक्षयसिंह की मौत को हल्के में ले रही है। व्यापमं घोटाले की जांच सीबीई से कराने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट में भी प्रकरण दर्ज करा दिया है। भूरिया ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के राज में पूरे प्रदेश में जंगलराज चल रहा है। कांग्रेस पार्टी अब चुप रहने वाली नहीं है और सत्य को सामने लाने के लिए गांधी के सिद्धांत अनुसार आंदोलन करने में पीछे नहीं रहेगी। भाजपा सरकार के राज में आज स्थितिया ऐसी निर्मित हो गई है कि व्यापमं घोटाले को लेकर कोई भी आवाज नहीं उठा पा रहा है, सबको भय है कि 45 लोगों की तरह उनका भी हश्र न हो जाए।
प्रदेश के युवाओं का कॅरियर हुआ बर्बाद
भूरिया ने आगे कहा कि गृहमंत्री बाबूलाल गौर ऐसे बयान देते है कि जो आया है तो उसे जाना ही है। मौत स्वाभाविक प्रक्रिया है, जबकि इस मामले में असली दोषी कौन है यह पता ही नहीं लगने दिया जा रहा है आखिर क्यों? वहीं प्रदेश के बाहर के लोगों ने धनराशि फेंककर मध्यप्रदेश में बड़ी से बड़ी नौकरियां एवं बड़े काॅजेज में प्रवेश ले लिए है इसके साथ ही मध्यप्रदेश के प्रतिभावान युवाओं का कॅरियर प्रदेश सरकार ने खत्म कर दिया।
कांतिलाल भूरिया ने रेल लाइन को लेकर कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण रेल परियोजना खतरे में पड गइ है। दिवगंत सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने अवश्य ही आवाज उठा कर आंदोलन करने की बात कहीं थी किन्तु वे असमय ही हमारे बीच से चले गए। भूरिया ने आगे कहा कि जो भी प्रदेश में विकास की बात करता है उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है। ऐसे माहौल में मीडिया एवं बुद्धिजीवियों को चुप नही रहना है और पुरजोर आवाज उठाना होगी ।
केमिकल फैक्ट्रियों से जिले को बंजर बनाने की साजिश
पूर्व सांसद भूरिया ने मेघनगर में केमिकल प्लांट को लेकर प्रेस वार्ता में प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि जिन केमिकल प्लांटों को गुजरात एवं बंगाल से निकाला है उन्हे शिवराज ने आदिवासी झाबुआ जिले में लाकर यहा की उर्वरा जमीन को बर्बाद करने तथा जमीन को जहरीली बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मेघनगर में 167 केमिकल फैक्ट्रियों को सरकार ने लाइसेंस जारी कर दिए, जबकि अभी 20-22 फैक्ट्रियों के केमिकल से 18-20 गांव में प्रदूषण एवं भूमिगत जल के जहरीले होने की बात सामने आई है।उन्होंने कहा कि जिन फैक्ट्रियों को हाईकोर्ट ने बंद कराया था ऐसे 242 फैक्ट्रियों को यहों लाया जाकर मेघनगर-बामनिया से लेकर रतलाम तक के पूरे झोन को दूषित किया जा रहा है। इस केमिकल से जमीन मे जहर घूल रहा है और जमीन बंजर हो रही है ।
कांतिलाल भूरिया ने संविधान के अनुच्छेद की 5 अनुसूची का जिक्र करते हुए कहा कि आदिवासी अंचल के सभी लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा का भार सरकार का है। मुख्यमंत्री ने केमिकल झोन इस क्षेत्र को घोषित कर दिया है। गर्भवती माताओं की संताने विकलांग पैदा हो रही है। पशु पानी पीने से काल के गाल में समां रहे हैं। खेती प्रभावित हो रही हे इसीलिये उनके द्वारा जन जीवन बचाओं समिति बना कर सरकार के इस निर्णय का पूरजोर विरोध किया जाहा है। कांग्रेस पार्टी किसी भी हालत मे इन फेक्ट्रियों को ेनही लगने देगी । उन्होने मीडिया से भी आव्हान किया कि वेपूरजोर आवाज उठा कर सरकार को बाध्य करे कि यहां केमिकल प्लांट किसी भी सूरत में स्थापित नही हो। इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया, रूपसिंह डामोर, बबलू अग्निहोत्री, प्रवक्ता आचार्य नामदेव, हर्ष भट्ट, प्रकाश रांका, हेमचंद डामोर, आशीष भूरिया, विनय भाबोर आदि उपस्थित थे ।

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