नशे से मामा और परिजन की एक्सीडेंट में मौत हुई तो नशे के खिलाफ जागरूक करने साइकिल से भारत भ्रमण पर निकला असम का युवा

भूपेंद्र नायक, पिटोल

असम से भारत भ्रमण तक नशे के खिलाफ, पर्यावरण बचाने के लिए जागरूकता और  रक्तदान जीवन दान के लिए देश के युवाओं को प्रेरित करने के लिए असम जिले के घुबरी गांव बिलासिपारा से निकले युवा पंचानन कोलिता साइकिल से निकले हैं। उन्होंने अपनी यात्रा 1 अगस्त 2023 को अपने घर से शुरू की थी। गुरुवार सुबह कोलिता का पिटोल में स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत सत्कार किया। 

असम का इस युवा ने 10 राज्यों की 12000 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण कर 11वें राज्य मध्य प्रदेश में प्रवेश किया है। बुधवार रात्रि में वे हाईवे पर स्थित हनुमान मंदिर पर रुकने वाले थे लेकिन गांव के  निजी   चिकित्सक डॉक्टर धर्मेंद्र कुंडल द्वारा उनका परिचय और उद्देश्य जानकर उन्हें अपने घर लाकर रात्रि विश्राम और भोजन पानी की व्यवस्था की। सुबह जब वह अपनी मंजिल की ओर निकले तब मीडिया से बात करते उन्होंने अपना उद्देश्य बताया कि मेरे परिवार में मेरे मामा और परिवारजन नशा करते थे। एक दिन नशे की हालत में एक्सीडेंट में मौत हो गई। तब कोलिता को लगा कि मुझे भारत भ्रमण कर लोगों को नशा मुक्ति पर्यावरण बचाना रक्तदान कर लोगों का जीवन बचाने के लिए निकालना चाहिए। इसी उद्देश्य को लेकर मैं निकल गया। मीडिया द्वारा पूछा गया कि इस यात्रा में आपको कहीं परेशानी हुई तब उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के लोग बहुत ही दिलवाले हैं मुझे कहीं कोई परेशानी नहीं होती है। जहां भी मुझे रुकना होता है भोजन पानी और ठहरने की व्यवस्था हो जाती है। मैं  जहां से गुजरता हूं उसे गांव के लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम मैं अपनी बातों को जन जागृति के हिसाब से लोगों से आग्रह करता हूं कि आप नशे को अपने जीवन से दूर  रखे अपना और समाज का  जीवन बचाएं। आज पिटोल के युवा और समाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा पुष्प मालाओं से स्वागत कर आगे की मंजिल के लिए शुभकामनाएं देकर बिदाई दी।  यह युवा भी भगत सिंह विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अपना आदर्श मानते है। 

पर्यावरण और रक्तदान के बारे में इस युवा ने बताया हमारे सनातन संस्कृति मे व्यक्ति को दाह संस्कार में लकड़ियों का उपयोग होता है तो हमारे जीवन में इतने पेड़ लगाएं जिससे जितनी लकड़ी हमारे दाह संस्कार में उपयोग होती है उतनी हमारे पेड़ से हो जाय। देश युवा लोगों को रक्तदान करने आव्हान किया आए दिन देश में कई घटना ऐसी होती है चाहे एक्सीडेंट हो कोई घातक बीमारी हो  पीड़ित को रक्त की जरूरत होती है और समय पर रक्त नहीं मिलने से जान चली जाती है इसलिए आज के युवाओं से या आह्वान करता हूं कि आप रक्तदान के प्रति अपना कर्तव्य निभाएं और रक्तदान करें। यह यात्रा कुल 34000 किलोमीटर की होगी। यह यात्रा डेढ़ वर्ष में मेरे अपने प्रदेश असम में जाकर खत्म होगी। उन्होंने बताया मेरे परिवार मेरी माता जी मेरी बहुत चिंता करती है मेरा भाई शासकीय स्कूल में कर्मचारी है वे लोग भी मुझे मुझे मेरे इस अभियान में प्रेरणा बनकर प्रोत्साहन कर रहे हैं। यह यात्रा बिना पैसे की है। जहां जिससे कोई सुविधा मिल जाए उसी को अपना कर यात्रा आगे चल रही है। यह युवा अभी अविवाहित हैं और यात्रा पूर्ण करके अपने गांव में होटल का व्यवसाय करने कि इच्छा है।

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