अंतरराज्यीय परिवहन करने वाली प्राइवेट बसों पर परिवहन विभाग ने की कार्रवाई, बीच में ही उतारी दी सवारी, परेशान होते रहे यात्री
भूपेंद्र नायक, पिटोल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा गुना बस हादसे में 13 लोगों की मृत्यु के बाद बिना दस्तावेज व बिना फिटनेस एवं परिवहन करने की सभी शर्तों के अनुकूल नहीं चलने वाली बसों पर कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन व परिवहन विभाग द्वारा रात्रि में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पिटोल पर इंदौर से गुजरात जाने वाली एवं गुजरात से मध्य प्रदेश में परिवहन करने वाली समस्त प्राइवेट बसों के दस्तावेज भी चेक किए जा रहे हैं। कमी मिलने पर कार्रवाई की जा रही है। जिन बसों में कमी मिल रही है उन्हें रोका जा रहा है। इस बीच ऐसी बसों में सवार यात्री परेशानी उठा रहे हैं। उनके लिए दूसरी बस का इंतजाम भी नहीं किया जा रहा।
पिटोल बॉर्डर के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर सैकड़ो बसों को रोका गया। जिन बसों का नेशनल परमिट एवं कागजात पूर्ण थे उनको छोड़ गया एवं कुछ वर्षों को जो शासकीय शर्तों के अनुसार नहीं थी उन्हें रोक लिया गया। अधिकारियों ने उन पर दंड भी लगाया है। रात भर चली कार्रवाई में बसों में यात्रा करने वाले यात्री परेशान होते रहे। बस से उतारे गए यात्रियों को जीप ट्रको से अपने गंतव्य तक की यात्रा कठिनाई से करना पड़ी। जिनमें महिलाएं एवं छोटे बच्चे भी परेशान होते रहे।

परेशानी यात्रियों की जुबानी
मोरबी गुजरात से यात्रा कर रहे दारासिंह पिता मायाराम भाबर राजगढ़ निवासी ने बताया चोटीला से राजगढ़ तक की 15 सवारी थी, सुबह 4 बजे उनकी बसों को अनफिट होने के कारण आरटीओ पर रोक लिया गया। सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक सभी 15 सवारी परेशान होती रही। बस मालिक द्वारा उन्हें वापस किराया भी नहीं दिया। वे सभी अपने किराए से ट्रैकों में बैठकर उनके गंतव्य तक राजगढ़ की ओर रवाना हुए।
