चर्चित सारंगी कांड में 3 माह बाद मनावर विधायक डॉ. अलावा ने सीएम को पत्र लिख की यह बड़ी मांग …

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विपुल पांचाल@ झाबुआ Live

बीते 3 महीने पूर्व पेटलावद के ग्राम सारंगी में हुए एक मामले में अब नया मोड़ सामने आया है, जिसमे फिर से जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मनावर विधायक डाक्टर हीरालाल अलावा ने सीएम शिवराज को एक पत्र लिखकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।
दरअसल मामला एक युवक की मौत से जुड़ा हुआ है जिसे लेकर ही एक बड़ा बवाल पुलिस चौकी सारंगी में हुआ था।
इसी मामले को लेकर अब मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र के माध्यम से इस मामले को दोबारा से संज्ञान में लाकर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इस पत्र में उन्होंने बताया की सुरेश भूरिया की शराब ठेकेदार द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी लेकिन पुलिस द्वारा मामले की लीपापोती की गई और दोषियों पर प्रकरण दर्ज नहीं किया। उन्होंने पत्र में बताया झाबुआ जिले के पेटलावद थाना प्रभारी एवं पुलिस कर्मियों द्वारा प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को शर्मसार करने का कृत्य किया गया है। जबकि मृतक के पिता मोहन द्वारा दिए गए ज्ञापन के अनुसार सुरेश भूरिया वह मनीष मीणा को शराब ठेकेदार सारंगी के मैनेजर नीरज चौहान एवं उसके साथियों द्वारा 17 मार्च 2020 को बेरहमी से पिटाई की गई थी, जिसमें सुरेश भूरिया की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि मनीष मीणा बुरी तरह जख्मी हो गया था। परिजनों और घायल मनीष द्वारा ठेकेदार के विरुद्ध बयान दिए गए, लेकिन उन बयानों से हटकर पुलिस ने मामले को दुर्घटना बताकर लीपापोती कर दी और जब परिजन एवं ग्रामीण हत्या के एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस चौकी सारंगी पहुंचे तो उल्टा ग्रामीणों सहित करीब 200 अज्ञात लोगों पर प्रकरण दर्ज की कार्रवाई कर दी गई। इसके बाद कई लोगों को असंवैधानिक रूप से जेल में बंद किया गया। उन्होंने सीएम शिवराज से यह मांग की है कि उपरोक्त मामले पर बिना विलम्ब संज्ञान लेते हुए आरोपी नीरज चौहान पर हत्या का प्रकरण दर्ज के आदेश व जांच प्रभावित ना हो इसलिए पेटलावद थाना प्रभारी एवं संबंधित पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर जांच कर थाना प्रभारी एवं पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज किए जाने के आदेश जारी करें।
गौरतलब है कि इससे पहले भी ग्राम घुघरी में बच्चा चोरी की अफवाह में ग्रामीणों में हड़कंप मचने के बाद पूरे गांव में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। इस मामले में भी पेटलावद पुलिस ने जिन लोगों पर कार्रवाई की थी उसके विरोध में झाबुआ कलेक्टोरेट में जयस के आला पदाधिकारीयो द्वारा अनशन ओर धरना दिया गया था और यही वजह रही कि पेटलावद के थाना प्रभारी रह चुके दिनेश शर्मा को यहां से हटाया गया था। अब इसी तरह का मामला विगत 3 महीने पहले हुआ जिसमें दोबारा जयस के पदाधिकारियों ने थाना प्रभारी को हटाने और पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग कर डाली है अब देखना यह होगा कि उस समय कांग्रेस का शासन था लेकिन इस बार प्रदेश में बीजेपी सत्ता पर काबिज है, तो क्या यह मांग जयस संगठन की पूरी हो पाएगी।