किसान आंदोलन की सुगबुगाहट में पुलिस प्रशासन रहा चौकन्ना; इधर…मंडी पहुंचे किसान नेता तो, यह हुआ..

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सलमान शैख़@ पेटलावद
भारतीय किसान यूनियन संघ ने फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने, भावांतर का लबित भुगतान और कर्जमाफी सहित किसानो की अन्य समस्या के समर्थन में बुधवार से प्रदेशभर में तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया था। जिसमें किसानो ने दूध और सब्जी की सप्लाई मंडी तक नहीं पहुचाने की घोषणा की थी।
किसान यूनियन संघ के आह्वान पर यहां भी आंदोलन होने जा रहा था, लेकिन दोपहर में वरिष्ठ पदाधिकारियो के निर्देश पर पहले दिन यहां आंदोलन स्थगित हो गया। इस आंदोलन की खबर लगते ही पुलिस-प्रशासन सुबह से ही शहर में अलर्ट रहा। चौराहों पर जवानों की तैनाती की गई। वहीं खबर थी कि किसान मंडी में एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन करेंगे, तो पुलिस ने कोई ढीलपोल नही कि और खुद एसडीओपी बबिता बामनिया और तहसीलदार मुकेश काशिव यहां निगरानी बनाये रखे। यहां पुलिस जवानों की भी तैनाती की गई। भले ही आंदोलन स्थगित हो गया हो, लेकिन पुलिस और प्रशासन अपनी तरफ से किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार नजर आई।

हालांकि किसान यूनियन संघ के जिला पदाधिकारियो ने कृषि उपज मंडी में मुख्यमत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत शुरू हुए पंजीयन में जिन किसानो के नाम सूची में शामिल नही थे उनकी आपत्ति फार्म भरवाए गए।
दरअसल, मुख्यमत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजना में पिछले दिनो पंजीयन शुरू हुए थे। जिसकी पहले अंतिम तिथि 30 मई थी। किसानो द्वारा किए जाने वाले इस आंदोलन में इसे भी लिया था। हालाकि बुधवार को सभी मंडीयो में आदेश पहुंचे कि पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 7 जुन कर दी गई है। अब उन किसानो पर संकट खड़ा हो गया था जिनके नाम उद्यानिकी विभाग द्वारा सूची में शामिल नही हुए थे। जिसके कारण उनके पंजीयन नही हो रहे थे। इस बड़ी लापरवाही में पटवारीयो के ऊपर सवाल खड़े हो रहे है, जिन्होने जब सर्वे किया तो इन किसानो के नाम ही शामिल नही किए, जिसके बाद उद्यानिकी विभाग से जिन किसानो के नाम पटवारी ने दिए उनकी सूची बनाकर मंडी में प्रेषित कर दी। अब 1 जून से प्याज की खरीदारी शुरू होने वाली है।

इनके हस्तक्षेप के बाद फार्म हुए जमा-

किसान यूनियन संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड़ और जिला महामंत्री जितेंद्र पाटीदार को जब यह खबर लगी तो वह फोरन मंडी पहुंचे, यहां उन्होनें उद्यानिकी विभाग के कर्मचारियो को खूब खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद आनन-फानन में विभाग के कर्मचारियो द्वारा आपत्ति फार्म मंडी भेजे गए, लेकिन जो फार्म भेजे वह भी पंजीयन नही कराने के भेज दिए गए। इसके बाद मंडी सचिव सलीम खान ने अपने अधिनस्थ कर्मचारियो से फार्म का बनाकर वितरीत किए गए। इसके बाद किसानो ने फार्म भरकर जमा किए। अभी तक प्याज खरीद के लिए 300 से ऊपर पंजीयन हो चुके है।

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