ऐसे फिल्मी थानेदार थानों पर रहे तो हो जायेगा ” बंटाधार”

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पुलिस हलचल
जिला – झाबुआ

चंद्रभानसिंह भदोरिया @ झाबुआ

बिना ट्रेनिंग के थाने क्यो है ऐसे एसआई
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आजकल पुलिस विभाग मे फिल्मी थानेदारो की भारी भीड हो चली है .. भले ही उनकी ठीक से ट्रेनिंग ना हो लेकिन थाने मे फिल्मी थानेदारी दिखा ही देते है अब झाबुआ कोतवाली मे पदस्थ नये सब इंस्पेक्टर को ही लीजिए .. पुलिस की फजीहत करा ही देते है पहले आरोप लग चुका है कि फिल्मी स्टाइल मे ठांय ठांय कर चुके है गनीमत रही कि आला अधिकारी बचा गये .. अब ताजा मसला यह है कि झाबुआ की एक कोट॔ ने आइना बता दिया कि इस दारोगा को कानूनी प्रक्रिया का ज्ञान नही है ..झाबुआ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने बकायदा अपने आदेश मे यह टिप्पणी की है कि जमानती जुम॔ होने के बावजूद भी आरोपी को जमानत नही दी गयी ओर कोट॔ मे पेश किया गया । कोट॔ ने पूछा है कि क्यो ना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को यह घटनाक्रम लिखा जाये ? अब बडा सवाल यह है कि जिसे यह साधारण सा ज्ञान नही है कि कोन सी धारा जमानती है कोन सी नही उसे आखिर कैसै ” सुरेंद्र हत्याकांड ” जैसे मामले की जांच सोंप दी गयी ? अब बडा सवाल है कि क्या पुलिस कप्तान इस बार भी उक्त एस आई को अभयदान देंगे या कारवाई करेंगे ? इंतजार करिए

सामने आई CCTNS सिस्टम की कमजोरी
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पुलिस के तकनीकी तोर पर मजबूत ओर कंप्यूटरीकृत बनाने वाले CCTNS की कमजोरियाँ एक बार फिर पुलिस की किरकिरी करवा रही है ..अभी मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के मेघनगर मे जब 3/4 मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण कानून के तहत एफआईआर दर्ज हुई तो एफआईआर मे नये कानून की प्रविष्टियाँ दर्ज नही हो पायी .. दरअसल मोदी सरकार ने जिस तेजी से यह कानून लागू किया उस तेजी से यह कानून CCTNS सिस्टम मे शामिल नही हो पाया नतीजा मैन्युअल ही इसे लिखना पुलिस की मजबूरी हो चली है ।

पुलिस का स्वीप प्लान
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मतदाता जागरुकता अभियान मे अब झाबुआ पुलिस भी कुद पडी है जिला प्रशाशन की तो किरकिरी हो ही चुकी है अब पुलिस हाट बाजारो मे जाकर आदिवासी मतदाताओ को प्रलोभन मे ना फंसकर वोट करने की अपील पुलिस करेगी .. अब पुलिस से अभी तक डरने वाले आम लोग कितना पुलिस की पहल के प्रभाव मे आते है यह 28 नवंबर को पता चलेगा !

ऐसे तो उड़ता झाबुआ बना रहेगा साहब
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झाबुआ जिला उडते पंजाब की तर्ज पर उड़ता झाबुआ बनने लगा है पुलिस लाख कोशिश कर ले लेकिन के हाथ खाली ही रहे ..तमाम क्राइम ब्रांच की टीमें बदली गयी लेकिन पुलिस नशे के कारोबार को पकड़ने मे नाकाबयाब रही .. लेकिन बीते सप्ताह झाबुआ सब डिविजन के एक थाने के कुछ जवानों ने दो लोगो को पकडा था पुड़िया भी मिल गयी थी लेकिन संबधित थाने के इंचाज॔ ने अततः रात 11 बजे छोड दिया गया .. यहा तक तो ठीक था मगर इस थाने के इंचाज॔ अपने उन जवानों से अब नाराज है ओर उन्हें ठिकाने लगाने की कोशिश मे है वजह तो वही जाने ।