एनएसएस शिविर में स्वयंसेवकों ने सीखा श्रमदान का महत्व

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झाबुआ। शहीद चन्द्रशेखर आजाद, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने परियोजना कार्य व बौद्धिक सत्र के अंतर्गत गोद ग्राम चारोलीपाड़ा में स्थित दूधिया तालाब का गहरीकरण करते हुए श्रम के महत्व का पाठ सीखा ओैर सभी स्वयं सेवकों ने माना कि सभी कार्यों में श्रेष्ठ श्रमदान हैैं। इस परियोजना कार्य को करते हुए स्वयं सेवकों ने ’’काम न चलता बातों से काम करें दोनों हाथों से’’ ’’कश्मीर हो या कन्या कुमारी, भारत माता एक हमारी’’, सुखी धरती करें पुकार, वृक्ष लगाकर करों श्रृंगार’’, ’’प्रकृति के दुश्मन तीन पाउच, पन्नी, पाॅलीथीन’’, ’’जागें देश की क्या पहचान, पढा-लिखा मजदूर किसान ’’ जैसे नारें लगाते हुए एक-दूसरे का उत्साहवर्धन किया।

NSS Worker

 

इस परियोजना कार्य को स्वयं सेवक मोहन भूरिया, दिलीप मेड़ा, योगेश्वर कहार, लक्की सिसौदिया, ज्योति रायपुरिया, मनीषा सांकला, दिलीप निनामा, कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. वीएस मेड़ा, प्रो. रीता गणावा, प्रो. दिलीप कुमार राठौर, प्रो. राजू बघेल, प्रो. मनीषा सिसोदिया, प्रो. अजय कुमार व प्रो. अनिल चारोले के दिशा-निर्देशन में पूर्ण किया।