इस बार 18 नवम्बर को होगा मंशा महादेव व्रत का उद्यापन, इस वजह से 1 महीना बड़ी तपस्या…

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live

पेटलावद। श्रावण मास के पहले सोमवार से शुरू हुआ मंशा महादेव व्रत कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की वैनायकी चतुर्थी को पूरा हो रहा है। यह चतुर्थी 18 नवम्बर को आ रही है। इसलिए इस बार व्रतधारियों को 1 महीना अतिरिक्त भगवान भोलेनाथ की तपस्या का मौका मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में इस व्रत को पूरी आस्था के साथ किया जा रहा है। विशेष कर महिलाएं एवं बालिकाएं इस व्रत को पूरे विधान से कर रही हैं।
इस वजह से 1 महीना बड़ी तपस्या
पंडित प्रफुल्ल शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया इस बार इस वर्ष आश्विन मास में अधिक मास आने से वर्ष में दो आश्विन मास पड़ गए, इस कारण महिलाओं की व्रत तपस्या एक महीना अधिक बढ़ गई है। हमेशा की तरह इस वर्ष भी व्रत उद्यापन कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की वैनायकी चतुर्थी तिथि पर ही पूर्ण होगा। व्रत उद्यापन की निर्धारित दिनांक 18 नवंबर 2020 बुधवार ही रहेगी।
पंडितों के अनुसार मनोकामनापूरी करने के लिए चार महीने तक चलने वाला मंशा महादेव व्रत में महिलाएं शिव मंदिरों में जाकर व्रत का संकल्प लेती हैं।
व्रत के करने से सभी मनोकामना होती है पूर्ण
पंडित श्री शुक्ला के मुताबिक श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तक चार माह तक प्रति सोमवार को व्रतधारियों द्वारा उत्साह से व्रत के साथ पूजा-अर्चना व भजन कीर्तन किया जाता है। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को व्रत का उद्यापन होता है। मान्यता है कि व्रत के करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। व्रत पूर्ण होने पर सवा सेर घी सवा सेर गुड़ व चार सेर आटे से मोदक प्रसाद तैयार कर उसके चार भाग किए जाते हैं। एक भाग का भगवान को भोग लगाया जाता है। दूसरा भाग ब्राह्मण, तीसरा गाय को खिलाया गया। चौथे भाग को व्रतधारी अपने घर के सदस्यों में प्रसाद वितरित करता है। मान्यता अनुसार यह प्रसाद सूर्यास्त के पूर्व तक श्रद्धालुओं को वितरित किया जा सकता है।

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