आदिवासी समाज की शादी में अब मांस-शराबबंदी, रुल्स तोड़े तो समाज करेगा सामूहिक बहिष्कार

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झाबुआ लाइव के लिए परवलिया से हरीश पंचाल की रिपोर्ट-
समीप गांव खांदन में आदिवासी समाज की एक बैठक 14 दिसंबर को आयोजित की गई जिसमें समाज में प्रचलित कई कुरीतियों को बंद करने के संबंध में निर्णय लिया गया। बैठक गांव के तड़वी मांगु बदिया मुणिया की अध्यक्षता में हुई।
शादी में मांस व शराबबंदी-
बैठक में निर्णय लिया गया की जिस घर में शादी होगी, वह शराब व मांस बंदी रहेगी। शादी में भोजन में दाल-चावल, सब्जी-पूड़ी ही बनाए जाए। शादी आयोजनों में शराब व मांस पर पूर्ण रूप से समाज द्वारा अब प्रतिबंध कर दिया गया है।
दहेज  में की कमी-
बैठक में शादी ब्याह में लेने वाले दहेज प्रथा को कम किया जाएगा लड़की की शादी के दहेज में सिर्फ 25 हजार रुपए व चांदी 1.250 किलोग्राम लेना तय हुआ। साथ ही तड़वी, कोटवार, भांजगडिय़ा एवं लगतिया-भगतिया गांव खर्चा 4900 रुपए तय किया गया नोतरा-ममेरा में भी अब समाज द्वारा कटौती कर दी गई। इस तरह समाज में कुल 22 नियम और बनाए गए हैं।
21 सदस्यों की बनाई पैनल-
stamp-bannedगांव के तड़वी की अध्यक्षता में हुई बैठक में एक 21 सदस्यों वाली समिति का गठन भी किया गया जो गांव में होने वाली शादी ब्याह पर पूर्ण रूप से मॉनिटरिंग करेंगी व नियम उल्लंघन पर तड़वी व सरपंच को सूचना देंगे नियम तोडऩे पर उसके घर होने वाले समारोह में पूरा गांव नही जाएगा। आदिवासी समाज की कुरीतियां को बंद करने व बनाए गए नियमों को कोई तोड़ता है तो उसके घर में होने वाले शादी ब्याह का बहिष्कार किया जाएगा व अन्य कोई भी समारोह में पूरा गांव समाज के द्वारा बनाए नियम तोडऩे वाले के कार्यक्रमों में शरीक नहीं होगा। इस आदिवासी समाज की बैठक में ग्राम पंचायत खांदन के सरपंच धापू निनामा, ग्यारस निनामा, पटेल खुमचंद मुणिया, मनसुख मुणिया व ग्राम के समस्त तड़वी, पटेल, पंच व ग्रामवासियों ने भाग लिया।