तंबाकू बेहद नुकसानदेह है दुरुपयोग जाने व उपयोग से बचे, तम्बाकू मुक्त विद्यालय प्रकल्प कार्यशाला संपन्न

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झाबुआ लाइव के लिए विपुल पंचाल की रिपोर्ट-
तम्बाकू से प्रतिवर्ष भारत में लाखों मौत प्रतिवर्ष हाती है। जीवन अमूल्य है पर तम्बाकू से होने वाली मौत चिंताजनक है। भारत में अशिक्षित ही नहीं शिक्षित भी तंबाकू व तम्बाकू युक्त पदार्थों का उपयोग करते हैं व कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। तम्बाकू कैंसर जैसी कई घात बीमारियों का प्रमुख कारण है। तम्बाकू नशे का द्वार है। तम्बाकू खाने वाला व्यक्ति अन्य नशे का उपयोग करके अपना ही नहीं अपनों के स्वास्थ्य को संकट में डालता है। उक्त विचार झाबुआ जिला मुख्यालय पर तम्बाकू मुक्त कार्यशाला के अंतर्गत अतिथियों ने व्यक्त किए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ओम शर्मा, तेजनारायण द्विवेदी, प्रवीण सुराणा, राकेश परमार, भोज शोध संस्थान के निदेशक डॉ. दीपेंद्र शर्मा, सलाम मुंबई फाउंडेशन मुंबई के दीपक पाटिल, स्नेहल राणे आदि उपस्थित थे।
शिक्षिकों की भूमिका
जिला स्तरीय कार्यशाला में झाबुआ जिले के सभी विकासखंडों से चयनित शिक्षकों ने सहभागत की। चयनत शिक्षकों ने तम्बाकू के दुष्परिणाम जाने व कोटपा अधिनियम 2003 व विद्यालय को तम्बाकू मुक्त करने के 11 निष्कर्षों को जाना व अपने विद्यालयों में लागू कर अपने अपने विद्यालय को तम्बाकू मुक्त विद्यालय बनाने का संकल्प लिया। अतिथियों ने तम्बाकू मुक्त समाज बनाने शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना। शिक्षक विद्यालय व बच्चों ही नहीं समाज व देश का नियोक्ता है। शिक्षक बच्चों के वर्तमान ही नहीं भाग्य का निर्माता है। शिक्षकों ने जब तम्बाकू के स्वयं दुष्परिणाम जाने तो तंबाकू मुक्त विद्यालय ही नहीं तम्बाकू मुक्त समाज बनाने के आह्वान में प्रत्यक्ष भागीदारी का निर्णय लिया। दूसरे सत्र में कवि व साहित्यकार गणेश उपाध्याय, जिला उपभोक्ता प्रतितोषण फोरम की मेंबर किरण शर्मा, इतिहासविद डॉ. केके त्रिवेदी, राघवेंद्र सिसौदिया ने शिक्षकों से संवाद किया व जिले में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के दुष्प्रभावों के प्रति तम्बाकू व नशेमुक्त विद्यालय समाज की अवधारणा का स्वागत किया व सहयोग का आश्वासन दिया। प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण से कार्यक्रम का आरंभ किया। संचालन पराग भौसले ने किया। अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम अधिकारी चेतना राठौर, बिहारीलाल सोनी, कमलेश मेड़ा, आदर्श चौहान, प्रतापसिंह अजनार, अतीक हुसैन कुरैशी, प्रतिभा सोलंकी, पंकज बैरागी ने किया। जिला स्तरीय कार्यशाला में भोज शोध संस्थान, सलाम मुंबई फाउंडेशन, अम्बुजा एजुकेशन इंस्टीट्यूट का सराहनीय योगदान रहा। दूसरे चरण में विकासखंड स्तरीय कार्यशालाओं को जिला स्तरीय कार्यशाला में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित करेंगे। कार्यशाला में प्रशिक्षण सामग्री के साथ ही वीडियो प्रदर्शन करके विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। यह जानकारी झाबुआ जिला समन्वयक आदर्श चौहान ने दी। 

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