उठापटक के दोर मे भाजपाईयो ओर पुलिस को प्रदेश भाजपा के फैसले का इंतजार

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झाबुआ लाइव डेस्क ॥ झाबुआ मे भाजपा जिलाध्यक्ष पर दो दिन मे दो एफआईआर के बाद झाबुआ जिले की भाजपाई राजनीति मे आये उछाल के बाद भाजपा की भोपाली राजनीति मे चिंता साफ साफ देखी गई यहाँ तक कि शैलेंष दुबे के समर्थक अरविंद मेनन भी इस मुद्दे पर बैकफुट पर आ गये अब चर्चा है कि प्रदेश भाजपा झाबुआ जिले के भाजपा जिला अध्यक्ष को बदलना चाहती है लेकिन उसके लिऐ उचित समय का इंतजार है सुत्र बताते है कि 10 मई के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दोरे के बाद यह परिवत॔न संभव है लेकिन कुछ सवाल ऐसै है जो पूरे मामलें मे संशय खडे करते है पूरी व्याख्या पढिऐ इस पडताल में ।

 

पुलिस अब दबाव में क्यो ?

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झाबुआ एसपी कृष्णा वेणी ने भाजपा जिला अध्यक्ष के निवास गोपालम पर छापा डलवाने ओर राणापुर मामले मे एफआईआर की हरी झंडी दी लेकिन उसके बाद की कार्रवाई को लेकर एसपी शायद किसी बडे दबाव मे है नही तो अभी तक बडे नामों की गिरफ्तारी हो चुकी होती । शैलेष दुबे ने अभी तक अग्रिम जमानत का आवेदन या मामले को हाइकोट॔ जाकर धारा 482 मे खारिज करवाने का आवेदन क्यो नही लगाया यह भी एक बडा सवाल है ? सुत्र बताते है पुलिस इंतजार कर रही है कि प्रदेश भाजपा शैलेष दुबे को हटाये तब वह गिरफ्तारी करे यह पुलिस के दबाव मे आने के प्रमाण है ओर शैलेष दुबे का अग्रिम जमानत ना लेना ओर धारा 482 मे हाइकोट॔ ना जाना भी यह दर्शाता है कि उन्हें कही ऊपर से आश्वासन मिला होगा ।

 

शैलेष दुबे की जगह कोन?

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अब अगर मान लिया जाये कि भाजपा अपनी छवि को ध्यान मे रखते हुऐ शैलेष दुबे को भाजपा जिला अध्यक्ष पद से हटा देती है तो उनकी जगह कोन लेगा ? अरविंद मेनन पर आरोप अघोषित रुप से लगता रहा है कि वह खुद झाबुआ मे गुटीय राजनीति को बढाता देते आये है ओर महज एक शख्स की बात सुनकर पूरी भाजपा की तकदीर वह तय कर देते है ओर उनके फैसले भाजपा पर आगे जाकर भारी पडते है तो क्या इस बार भी मेनन एक शख्स के कहने पर ही भाजपा का झाबुआ मे भविष्य तय करेंगे ? खैर इस समय भाजपा जिला अध्यक्ष पद पर अरविंद मेनन शैलेष दुबे की कुर्सी अगर बचाने मे नाकामयाब हुऐ तो 5 नाम चर्चा में है इन नामो मे यह नाम शामिल है —

 

1-दोलत भावसार–करीब ढाई दशक से भाजपा की राजनीति मे सक्रिय है पारिवारिक पृष्ठभूमि आरएसएस से आती है संगठन मामलो की गहरी समझ है ओर ऊपर के नेताओ से नियमित संवाद रहता है शिवराज के साथ पदयात्रा के हमसफर रहै है नरेंद्र सिह तोमर की भी पसंद है । कमजोरी यह है कि अगर कम बोलना शुरु कर दे तो छा जायेगे ज्यादा बोलना ही उनकी कमजोरी ।

 

2–प्रवीण सुराणा– करीब 5 वर्ष पूर्व भाजपा मे आये ओर अपने राजनीतिक चातुय॔ ओर हर स्तर पर संवाद की क्षमता के साथ सरलता-सहजता के साथ सभी से मिलनसारिता ने उन्हें लोकप्रिय बनाया । सांसद दिलीपसिह भूरिया ओर विधायक शांतिलाल बिलवाल -निर्मला भूरिया -उनका समर्थन कर सकते है उनकी कमजोरी यह है कि राजनीति की सबसे बडी बुराई जोडतोड ओर दावपेंच शायद उन्हें सीखना बाकी है ।

 

3-सुरेंद्र सिह मोटापाला–पूव॔ मे भाजपा जिला अध्यक्ष रहे थे लेकिन कुछ खास कर नही पाये थे शायद राजनीतिक धुत॔ता की भारी कमी उनके खिलाफ जाती है ऊपर उनके मधुर संबध है लेकिन जिले में कार्यकर्ताओं से कटे हुऐ है उनकी कमजोरी यह कि उनका अधिकांश समय मोटापाला गांव से झाबुआ अपडाऊन मे ही चला जाता है ।

 

4-पुरुषोतम प्रजापति–यह सज्जन अपने आप मे भाजपा का कोई बडा नाम नही है लेकिन कभी लक्ष्मी नारायण पाठक की नाक का बाल रहे है तो अब दिलीपसिह भूरिया से ठीक ठाक संबध है लेकिन इनका भाजपा जिला अध्यक्ष बनने की  संभावना इसलिए खतरे मे है क्योकि यहाँ भाजपा मे भले ही यह जिला उपाध्यक्ष हो लेकिन तकनीकी तोर पर यह प्रदेश भाजपा की ओर से 6 साल के लिऐ भाजपा के खिलाफ काम करने के आरोप मे निकाले जा चुके है ओर विधिवत भाजपा मे नही लोटे है इनको राजगढ़ नाका लाबी भी वक्त आने पर समथ॔न दे सकती है क्योकि किसी के साथ बहुत अच्छा नही कर पाते तो प्रजापति बुरा भी नही करते है अगर जिला अध्यक्ष बदला गया तो राजगढ़ नाका लाबी का समथ॔न प्रजापति को ही होगा । इनकी कमजोरी मेघनगर से बाहर ना निकलना है अधिकांश लोग पेपर के जरिए ही नाम जानते है ।।

 

5–मनोहर सेठिया–सबसे अंतिम संभावना पूव॔ भाजपा जिला अध्यक्ष मनोहर सेठिया की है सेठिया दो बार भाजपा जिला अध्यक्ष रह चुके है ओर तकनीकी रुप से उनके जिला अध्यक्ष रहते ही भाजपा पहली बार अविभाजित झाबुआ जिले की सभी 5 विधानसभा सीटे जीतने मे कामयाब रही थी । सीसीबी के डायरेक्टर भी है ओर सीसीबी चेयरमैन पद के दावेदार भी है अगर सीसीबी चैयरमैन नही बने तो भाजपा जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने पर विचार कर सकती है लेकिन ऊपर कोई ठोस संबन नही होने से राजगढ़ नाका लाबी ओर एक शख्स के भरोसे ही सेठिया की उम्मीद परवान चढ सकती है उनकी कमजोरी उनके आसपास ठोस सलाहकार ना होना है ओर खुद जो सोचते है उसे ही सही मान लेना उनकी सबसे बडी कमजोरी है ।

 

पुलिस केस का यह है स्टेटस

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झाबुआ पुलिस कोतवाली पर दर्ज गोपालम सट्टा मामले मे पुलिस की जांच कछुआ गति से जारी है अभी तक शैलेष दुबे को धारा 120 यानी सट्टा खिलाने का षडयंत्र करने की धारा भी लगा चुकी है मामले मे स्टामं वेंडर को राहत देने के मूड मे है ओर यह राहत अघोषित रुप से शैलेष दुबे को राहत देना है इसीलिए ऊपर हमने पुलिस के दबाव मे आ जाने की बात कही थी ।

 

अगर दुबे हटे तो दोबारा भाजपा मे ताजपोशी संभव नही

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भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेष दुबे पहले भी एक बाद इस्तीफे के नाम पर विवाद मे आकर हटाये गये थे ओर इस बार भी विवादो के चलते ही दुबे की कुर्सी खतरे में है ओर अगर दुबे भाजपा जिला अध्यक्ष पद से हटाये गये तो उनका रसूख भी भाजपा मे खत्म होना तय है कुल मिलाकर आने वाले 10 से 15 दिन शैलेष दुबे ओर भाजपा के लिऐ बेहद महत्वपूर्ण साबित होने जा रहे है ।

 

दिलीपसिह भूरिया अंसमजस में

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सुत्र बता रहे है कि भाजपा के सांसद दिलीपसिह भूरिया भी राणापुर थाने के घेराव ओर गोपालम कांड से शैलेष दुबे से खुश नही है लेकिन उन पर खुलकर नाराजगी जताकर अपने भाजपाई विरोधियों को मोका नही देना चाहते इसलिए प्रदेश आलाकमान को उन्होंने अपनी राय से अवगत करवा दिया है ।