500 मीटर का अधूरा रोड निर्माण बना दुर्घटनाओं का सबब, एक साथ तीन वाहन आपस में भिड़े, दस घायल, यह है दुर्घटना का असल कारण जानिए इस खबर में

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भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल

नववर्ष 2020 के आगमन को लेकर अंचल में भी जश्न का माहौल था एवं 1 जनवरी की रात करीब 9.45 बजे दो मित्र संजय पिता प्रहलाद व ज्ञानेश्वर पिता सालीग्राम पाटिल निवासी पीथमपुर धार नववर्ष के अवसर पर अपने परिवार के साथ पावागढ़ गुजरात से माता के दर्शन कर टवेरा क्रमांक जीजे 5 जेबी 3464 से अपने अपने घर लौट रहे थे। इसी दरमियान पांच का नाका पर तक फोरलेन रोड है एवं अचानक घाट पर ही दो लेन आने से अचानक फोरलेन हो जाने से सामने से आ रही स्कॉर्पियो क्रमांक एमपी 45 बीबी 0956 से जा टकराई तो वहीं सामने से आ रही पिकअप एमपी 43जी 2282 भी दोनों वाहनों के बीच जा घुसी। इस दुर्घटना से तीनो वाहनों में कुल 10 सवार घायल हो गए, लगी जिनमे संजय व ज्ञानेश्वर सहित उनकी पत्नी व बच्चो को चोटे पहुंची जिन्हें पिटोल पुलिस ने तत्काल जिला चिकित्सालय झाबुआ रेफर कर दिया।

पांचकानाका-बावड़ी फाटा दुर्घटनाओं के लिए हुआ कुख्यात –

ऐसा नहीं है कि वर्ष 2019 की समाप्ति एवं नववर्ष 2020 की पहली तारीख पर ही पांचका नाका-बावड़ी फाटा पर एक साथ तीन चारपहिया दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इसकी असल वजह यह है कि पांचकानाका तक नैशनल हाइवे अथॉरिटी ने फोरलेन सड़क मार्ग बना दिया है एवं जिस स्थान पर फोरलेन का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ रखा है वह बावड़ी फाटे पर पहुंचते ही उक्त घाट दो लेन मार्ग में तब्दील हो जाता है चूंकि घाट होने के चलते वाहन की स्पीड नियंत्रित नहीं हो पाती है और दूसरी बावड़ीफाटा से आने वाला वाहन भी घाट चढ़ाई के दौरान रफ्तार में होता है एवं उक्त स्थान पर अगर वाहन आते-जाते हैं जो दुर्घटना का कारण बनते हैं। ऐसा नहीं है कि नैशनल हाइवे अथॉरिटी को पांचकानाका व बावड़ीफाटा पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं का इल्म नहीं है अथॉरिटी के जिम्मेदार सब कुछ जानते हुए भी इस रोड का निर्माण नहीं कर रहे हैं जब उनसे पूछा जाता है तो कहते हैं कि यह एरिया फॉरेस्ट के अधीन आता है और निर्माण की परमिशन नहीं दी जा रही है, लेकिन झाबुआ लाइव ने मामले की पड़ताल की तो संज्ञान में आया कि फॉरेस्ट विभाग ने महीनों पूर्व ही एनओसी जारी कर दी है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता व ठेकेदार की मनमर्जी ही राहगीरों पर भारी पड़ रही है। गौरतलब है कि 500 मीटर का यह मार्ग दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात हो चुका है और न जाने कितने जिंदगियां लील गया है और नैशनल हाइवे अथॉरिटी का उदासीन रवैया भी भविष्य में होने वाली दुुर्घटनाओं में इजाफा के लिए जिम्मेदार साबित होगा ऐसा कहने में हमें अतिश्यिोक्ति भी नहीं है। तो साथ ही साथ जिला परिवहन विभाग की भी उदासीनता जग जाहिर है, परिवहन विभाग के नुमाइंदे वैसे तो इस मार्ग पर वाहनों की चेकिंग के नाम पर पेट्रोलिंग करते नजर आते हैं और वे इस मार्ग पर वाहनों को रोककर अपने को मजबूत करने के लिए आर्थिक कार्रवाई करते नजर आते हैं, लेकिन दुर्घटना होने के समय जिम्मेदार अमला न जाने कहां भूमिगत हो जाता है। तो दूसरी ओर टोल प्लाजा भी वाहन टोल देकर निकलते हैं लेकिन फिर भी जिम्मेदार विभाग की उगाही समझ से परे हैं। पांचका नाका की तरह फूलमाल फाटा भी अधूरा मार्ग व घुमावदार मोड होने के कारण दुर्घटनाओं का सबब बना हुआ है लेकिन अभी भी जिम्मेदार कान में तेल डाले सो रहा है शायद उन्हें बड़ी दुर्घटना का भविष्य में इंतजार है।