40 लाख की लागत से निर्मित हो रहे डिवाइडर रोड व पुल में लगाई जा रही दोयम दर्जे की सीमेंट, घटिया निर्माण कार्य से ग्रामीण क्षुब्ध

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जितेन्द्र वाणी, नानपुर

जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत नानपुर में 1960 से बने हुए पुल जो पूरी तरह क्षति ग्रस्त हो गया था जिसकी आम जनता की मांग पर पूर्व विधायक नागरसिंह चौहान ने यहां डिवाइर रोड का भूमिपूजन सांसद गुमानसिंह डामोर व जिले के बड़े बड़े नेताओं की उपस्थिति में किया गया था। उसके बाद इस क्षतिग्रस्त उक्त पुल को तोड़कर नया पुल का निर्माण किया जा रहा है जो कि मुख्य मार्गो से होते हुए पूरे नगर की शान मानी जा रही। लेकिन स्थानीय ग्राम पंचायत द्वारा पुल निर्माण पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते हुए दिखाई दे रहा है। इस पुल में मजबूती के लिए जो आला दर्ज की ग्रेड की सीमेंट उपयोग करना था वह नहीं किया गया व हल्की सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है व जमीन को समतल न करते हुए कीचड़ में ही सीमेंट को डाली जा रही है, जिससे पुल कमजोर होने का अनुमान लगाया जा रहा है, क्योंकि यदि आधार में दोयम दर्जे का काम चलेगा तो पुल की मजबूत कैसे होगी? यह कोई भी समझ नहीं पा रहा है। भविष्य इस पुल मजबूत नहीं बनेगा तो जान-माल का खतरा बना हुआ है। जिम्मेदारों की अनदेखी से आने वाले समय मे ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ेगी । वही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ पुल की लागत लगभग 40 लाख से बनने वाले डिवाडर रोड पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो पहले बनी हुई सड़कों की तरह यह सड़क भी भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ जाएगी। बार बार सरपंच सावन सिह मारू को फोन लगाया पर फोन नही उठा रहे जिम्मेदार इससे प्रतीत होता है कि इस पुल पर ठेकेदार व सरपंच की मिलीभगत से, ऐसा घटिया व दोयम दर्जे का काय जारी है।

पूर्व सरपंच ने कहा-पुल में भ्रष्टाचार करने वालों को भेजेंगे जेल

15 दिनों से मुख्य मार्ग बंद कर रखा है जिससे ग्रामीणों को आवागमन से परेशानी उठानी पड़ रही है गड्ढे को खोद के ठेकेदार व ग्राम पंचायत को जल्द आवागमन चालू करना चाहिए व मुख्य मार्ग होने से गांव हित मे सही निर्माण होना चााहिए। यदि कुछ भी सड़क निर्माण गड़बड़ी दिखी तो हम गांव हित मे कलेक्टर से शिकायत करेंगे व भ्रष्टाचार करने वालो को जेल भेजेंगे। -पूर्व सरपंच, मंजुला पटेल

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