27 करोड 45 लाख के नवनिर्मित कन्या परिसर में हो रहे घटिया निर्माण कार्य को लेकर गांव के ही दो पक्षों में खूनी संघर्ष

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उक्त निर्मित किये जा रहे कन्या परिसर के घटिया निर्माण कार्य को लेकर हुवा विवाद
. विवाद के बाद पुलिस चौकी पर एकत्रित बावड़ी के ग्रामीण।
इस प्रकार किया जा रहा है घटिया निर्माण ।

झाबुआ लाइव के लिए पिटोल से भूपेंद्रसिंह नायक की रिपोर्ट-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने की धज्जियां उड़ाते झाबुआ जिले के भ्रष्ट सरकारी तंत्र की कोई भी इकाई ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों के बजट का काम करते है तो नियत मापदंड को ताक में रखकर भ्रष्टाचार कर स्वयं को पहले वारे-न्यारे की होती है। इसी कड़ी में रविवार को समीपस्थ ग्राम बावड़ी छोटी में शासन द्वारा 27 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से निर्माण करवाए जा रहे कन्या परिसर में हो रहे घटिया निर्माण कार्य को लेकर गांव के ही दो पक्ष आमने सामने हो गए। विवाद में चले आमने सामने हुए पथराव से दोनों पक्ष के सात लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि लगभग 8 से 20 हैक्टेयर भूमि क्षेत्र में निर्मित किए जा रहे उक्त परिसर का कार्य सूरत (गुजरात) की कम्पनी नटवर कंस्ट्रक्शन द्वारा करवाया जा रहा है जिसने गांव के ही एक ठेकेदार को पेटी-कांट्रेक्ट बना दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त कार्य में उचित गुणवत्ता नहीं आ रही है इस बात की आपत्ति के बाद ठेकेदार के सर्मथकों के द्वारा कि तुम्हें क्या आपत्ति है इस बात को लेकर कहासुनी हुई एवं दोनो पक्ष में संघर्ष शुरू हो गया।
गौरतलब है कि इस बड़े क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्य में नींव में ही बिल्डिंग मटेरियल का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इसी के साथ न ही सही पानी की तरी हो रही है व न ही उचित सीमेंट-गिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है। वही आवश्यकतानुरूप सरिये का उपयोग को भी दरकिनार किया जा राह है जो कि ग्राम में बन रहे इस कन्या परिसर के हित में नहीं होने के कारण ग्रामीणों को यह नागवार गुजर रहा है।
खूनी संघर्ष में जमीन को लेकर हुई थी हत्या
ग्रामीणों की मांग है कि गांव में निर्मित हो रहे इस कन्या परिसर में जिसमें की बरसों बरस क्षेत्र के नौनिहाल अध्ययन करेंगे एवं छात्रावास में रहेंगे वहां किसी प्रकार का भ्रष्टाचार न हो एवं बिल्डिंग मजबूत बने इस आशय की मंशा को लेकर की जा रही ग्रामीणों की मानीटरिंग को ठेकेदार के लोग पचा नहीं पाए। परिणाम स्वरूप रविवार की सुबह उक्त खूनी संघर्ष हो गया। संभव है कि गांव के ही लोगों के बीच हुआ उक्त खूनी संघर्ष जिस पर की यदि प्रशासन ने हस्तक्षेप कर अंकुश नहीं लगाया तो विवाद और अधिक गहरा सकता है। गौरतलब है कि उक्त ग्राम में ही पूर्व में इन्हीं दोनों पक्षों के बीच जहां कन्या परिसर का निर्माण हो रहा है उस जमीन को लेकर एक व्यक्ति की हत्या हो चुकी है।
उचित मापदंड पर खरा नहीं उतर रहा निर्माण कार्य –
जहां शासन के आदेशानुसार 5 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाले शिक्षा परिसर में शासन ने एक झूला घर निर्माण आवश्यक रूप से बनाना होता है एवं बच्चों के खेलने के लिए सामान रखने का कमरा बनाना होता है। वह निर्माण इस परिसर में हुआ ही नहीं। गिट्टी, रेत, सरिया, मुर्रम आदि की गुणवत्ता जांच लैब में होना चाहिए। वही काली मिट्टी वाली जगह पर जब तक खुदाई में कठोर जमीन नहीं आ जाए तब तक खोदना है परन्तु 3 से 4 फीट की खुदाई में अव्यवस्थित तरीके से प्लेटफार्म बना रहे है, जिसकी जांच होना चाहिए।
संघर्ष में यह हुए घायल-
इस खूनी संघर्ष में रमेश, मलिया पिता श्यामा भाभर, समसु, मन्नु, अमरिया व अन्य दूसरे पक्ष की ओर से कालिया , उदयसिंह, राजू, मडिया, वाला व राकेश शामिल है। बताया जा रह है कि दोनों पक्षों में हुए पथराव में कुछ महिलाएं भी साथ में हथियार रखकर हमलावरों का सपोर्ट कर रही थी।
जिम्मेदार बोल-
दोनों पक्षों की ओर से की गई रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, अपराधियों पर भादवि की धारा 294, 323, 506, 147, 149 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर सबकी मेडिकल जांच करवाई गई है।
– नवीन पाठक, चौकी प्रभारी
इनका कहना है –
मेरे पंचायत क्षेत्र मे इस प्रकार करोडो के काम में जो भ्रष्टाचार हो रहा है उसकी जांच कलेक्टर साहब करावाए एवं सरकारी कर्मचारियों की देखरेख मे उक्त निर्माण करवाए।
-बीजू बबेरिया, सरपंच बावड़ी
उक्त निर्माण कार्य मे ठेकेदारो एवं सरकारी कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा भ्रष्टाचार नही रोका गया तो हम बावड़ी के ग्रामीण जन आन्दोलन करेंगे।
– पेमा भाबोर जनपद प्रतिनिधि, बावड़ी
आपके माध्यम से मुझे यह जानकारी मिली है कि वहा घटिया निर्माण हो रहा है इकी जांच करवाता हूं।
पाटीदार, एसडीओ, झाबुआ
ग्रामीणों के आरोप बे-बुनियाद है हम उच्च गुणवत्ता से निर्माण कर रहे है।
– विजय, ठेकेदार सूरत

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