
झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
कैथोलिक डायसिस झाबुआ के थांदला चर्च में क्रिसमस पर्व धूमधाम से मनाया गया। शनिवार की मध्य रात्रि कडक़े की सर्दी में प्रभु यीशू के जन्मोत्सव पर बालक यीशू की प्रतिमा के साथ जुलूस निकाला गया। जुलूस के दौरान ढोल-मांदल के साथ समाज के युवक-युवतियों ने परम्परागत आदिवासी नृत्य किया। इस दौरान मिस्सा पूजा समारोह हुआ। मिस्सा पूजा के मुख्य याजक कसमीर डामोर ने कहा कि हम आनंद मनाते हैं, खुशी मनाते हैं क्योंकि दो हजार 16 वर्ष पूर्व हमारे प्रभु यीशू ने इस धरती पर जन्म लिया था। लेकिन बहुत ही विकट परिस्थितियों में मां मरियम व युसूफ को सराय में जगह नहीं मिली। प्रभु यीशू ने एक गौशाला में जन्म लिया और उसे चरनी में रखा गया, जहां गाय-भैंस को दाना-पानी दिया जाता था। उन्होंने कहा कि हमारे बीच रोजाना प्रभु यीशू किसी न किसी रुप में आते हैं। कभी गरीब भिखारी तो कभी निर्धन एवं भूखे व्यक्ति के रुप में। क्या हम उन्हें अपने हृदय में जगह देते हैं या हम उनका तिरस्कार करते हैं। जरूरत है हम गरीब, बेसहारा, भूखों, यतीमों की सहायता करें और अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर हरेक की सेवा करे। एक-दूसरे के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करे, तभी हमारा ख्रीस्त जयंती मनाने का अर्थ सार्थक होगा। जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी पीटर बबेरिया ने बताया कि मिस्सा पूजा के दौरान फादर कसमीर डामोर, फादर बसंत एक्का, फादर जामू कटारा, फादर वीरेंद्र भूरिया एवं माइकल मकवाना ने भाग लिया। मिस्सा पूजा के दौरान बाइबल पाठ का वाचन शांतिलाल मेड़ा एवं मीरी भूरिया ने किया। पवित्र सुसमाचार का वाचन फादर बसंत एक्का ने किया।
सांसद भूरिया पहुंचे थांदला-
