स्वच्छता अभियान के विपरीत पेटलावद में गंदगी का अम्बार

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 इस प्रकार नदी पूरी तरह से प्रदूषित हो रही है।
इस प्रकार नदी पूरी तरह से प्रदूषित हो रही है।
 रैदास कालोनी में नालियों में गंदा पानी बह रहा है।
रैदास कालोनी में नालियों में गंदा पानी बह रहा है।

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लगभग डेढ वर्ष पूर्व पूरे देश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत करते हुए एक सपना देखा था की हर गांव, हर गली और हर घर साफ हो। और इसी स्वच्छता अभियान को लेकर शासन के द्वारा लगातार मुहिम चलाई जा रही है। जिसके तहत इन दिनों नगर परिषद स्तर पर स्वच्छता अभियान चला कर नगर के कोने कोने को साफ करने की कवायद की जा रही है। किन्तु झाबुआ जिले की सबसे बडी परिषद पेटलावद हो कर नगर में सफाई का आलम नगर परिषद की मंशा को मुंह चिढाता हुआ दिखाई देता है।
वार्ड विशेष को छोड कर कई वार्ड रहते है गंदे
नगर परिषद के द्वारा अमूमन नगर के मुख्य मार्गो को व कुछ विशेष वार्डो पर विशेष महरबानी करते हुए सफाई अभियान चला कर अखबारों के माध्यम से सुर्खियां बटोर ली जाती है। लेकिन नगर के राजापुरा, राम मोहल्ला, तलावपाडा एवं वार्ड क्रमांक 8 स्थित रैदास कालोनी,नई बस्ती सहित कई ऐसे वार्ड जहां पर की नगर परिषद के कर्मचारी चार से पांच दिन तक न तो सफाई करने पहुंचते है। और न ही किसी भी प्रकार का ध्यान दिया जाता है। इन वार्डो की नालियां गंदगी से सरोबार हो कर,मच्छरों व बिमारीयों को पैदा होने का सीधा सीधा माध्यम है।
शौचालय नहीं होने से हो रही गंदगी
नगर के वार्ड क्र.8 पुरानी रैदास कालोनी में नगर परिषद के द्वारा समग्र स्वच्छता अभियान के तहत शोचालय बनाने का काम प्रारंभ किया था। किन्तु ठेकेदारों की मिली भगत के चलते अब तक किसी भी रहवासी के यहां शोचालय का काम पूरा नहीं हो पाया है। और जिसकी शिकायत अनुविभागीय अधिकारी तक भी रहवासी कर चुके है। इस तरह से शौचालयों के नहीं होने से भी वार्ड में गंदगी का अंबार है। वहीं इस वार्ड की स्थिति यह है कि यहां पर अभी तक पूरी तरह से नालियां भी नहीं बनी है और गंदा पानी लोगों के आंगन में आकर ईकटठा होता है।
नदी में छोड रहे गंदा जल
नगर की सभी नालियों का अंतिम मुकाम नगर की पवित्र पंपावती नदी में जाकर होता है। जहां पर पूरे नगर की गंदगी नालियों के माध्यम से इस नदी में गिर रही है। नदी धीरे धीरे नाले का रूप ले कर गंदगी से सरोबार हो रही है। वहीं नगर परिषद की कचरा गाडी के द्वारा मेला ग्राउंड पर कचरा डालकर इसके अपशिष्ट को समाप्त करने की कोई व्यवस्था नहीं कर रखी है। जिससे मेला ग्राउंड स्थित भेरू मंदिर और खेडा पति हनुमान मंदिर सहित आसपास के किसानों को बारबार परेशान होना पडता है। कई बार तो इस क्षेत्र के किसानों और भक्तों के द्वारा प्रशासन को लिखित शिकायत कर दी गई है किन्तु स्थिति जस की तस है।
नहीं उठाते जवाबदार फोन
नगर परिषद कार्यालय का आलम यह है कि सफाई कर्मचारीयों के द्वारा आधे अधूरे क्षेत्र को साफ कर छोड दिया जाता है वहीं इसके सम्बंध में जिम्मेदार मुख्य परिषद अधिकारी या तो अधिकांश समय बैठकों में व्यस्त होने का बहाना बनाते हुए या तो फोन नहीं उठाते और ना ही आमजन को संतोषप्रद जवाब भी नहीं देते।
लाखो रूपए हो रहे बर्बाद
सफाई एवं स्वच्छता के नाम पर नगर परिषद के पास लाखो रूपए आ रहे है। साथ ही नगर की जनता से टेक्स के माध्यम से वसूली गई राशी भी कर्मचारीयों की तनख्वाह के साथ सफाई अभियान पर खर्च हो रही है किन्तु जिस तरह से नगर परिषद के द्वारा सफाई अभियान का ढिंढोरा पीटा जाता है उसके ठीक विपरीत धरातल पर स्थिति काफी खराब है। इसलिए नगर की जनता इस स्वच्छता अभियान को लेकर नगर परिषद से आशा कर रही है कि स्वच्छता अभियान मे नगर का प्रतिएक कोना साफ हो ओर गंदगी समाप्त हो। तभी इस अभियान में सफलता मिल सकेगी।

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