स्वच्छता अभियान की आइकॉन बनी ” 7 साल की मासूम रिनु

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अलीराजपुर लाइव के लिए फिरोज खान की रिपोर्ट-

नाम – रिनु

उम्र – 7 साल

कक्षा – दूसरी

जाति – आदिवासी

एक आंख से जन्मजात दिव्यांग

जी हा, यही प्रोफाइल है उस लडकी की जो इन दिनों अघोषित रुप से स्वच्छ भारत अभियान का आईकान बन चुकी है .. रिनु नाम की यह 7 वर्षीय बालिका विगत ” सितम्बर – 2017 से 80 सदस्यीय  उस टीम का नेतृत्व करती है जो अल सुबह 5 बजे उठकर सीटी ओर डंडा लेकर अलीराजपुर जिले के ” गैरुघाटी ” गांव में निकल पडती है .. खुले मे शोच जाने वालों को रोकने के लिए .. वह खुले मे शोच करने वालों को रोकती है टोकती है .. आलम यह है कि रिनु ओर उसकी टीम के प्रयासों से ” गैरुघाटी ” गांव के 88 परिवारों मे से 84 परिवारों ने शोचालय ना सिर्फ बना लिए है बल्कि उनका इस्तेमाल भी करने लगे है। 

प्रिया वारियर की अदाऐ भी रिनु के बोलने की नजाकत के आगे फेल

विगत पखवाडा पूरा देश मलयालम् अभिनेत्री “प्रिया वारियर ” की आंख मारने की अदाओ का दीवाना हो गया था लेकिन अलीराजपुर की रिनु की बात करने की जो अदा है उसके आगे ” प्रिया वारियर ” की अदाऐ भी फेल है जिस सकारात्मक ऊर्जा के साथ विनम्रता से आदिवासी बच्ची रिनु अपनी बात रखकर इलाके – प्रदेश ओर देश के स्वाभिमान – सम्मान की बात रखती है उसे देख सुनकर हर कोई कायल हो जाता है यही कारण है कि इलाके मे रिनु की ग्रामीणों को समझाइश का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है विडंबना देखिए कि ” प्रिया प्रकाश ने तो दोनों आंखों मे से एक आंख मारकर देश को दीवाना कर दिया ओर संदेश रुमानी होने का दिया लेकिन आदिवासी बच्ची रिनु को ईश्वर पे जन्मजात बांयी आंख ही नहीं दी है उसके बावजूद जिस ऊर्जा ओर आत्म विश्वास के साथ वह संदेश देश ओर समाज हित मे देती है उसे देखकर लगता है कि देश को प्रिया वारियर की जगह ” रिनु ” का दीवाना होना चाहिऐ था । 

ग्रामीण बोले रिनु ओर उसकी टीम ने हमें समझाया तो खुले मे शोच बंद की

गैरुघाटी के ग्रामीण भी रिनु के कायल है उनके अनुसार रिनु ओर उसकी टीम सुबह 5 बजे से ही सीटिया बजाने लगती है रिनु की सीटी उनके लिए किये युद्ध अलाम॔ से कम नहीं होती थी ओर फिर रिनु जैसी मासूम बच्ची ने जिस तथ्यो से हमें समझाया उससे हमें भी लगा कि जब रिनु जैसी बच्ची समाज ओर देश हित मे अपनी नींद खराब कर जाग जाग कर सभी को जगा रही है तो हमें भी सोचना चाहिए। गांव की 34 साल की ” जैमतीबाई” कहती है कि रिनु ने आकर हमें बार बार समझाया तो हमने भी टायलेट बनवा लिया ओर इस्तेमाल करने लगे पहले हम नाले की तरफ खुले मे शोच के लिए जाते थे इसी तरह गैरुघाटी के ही “होशियार सिंह” कहते है कि रिनु ओर उसकी टीम की समझाईश से हमने खुले मे शोच जाना बंद कर दिया।  

कलेक्टर बोले – हमें रिनु पर गर्व है

गैरुघाटी मे कक्षा 8 वी तक स्कूल आश्रम मे ही लगती है इसी आश्रम की 80 बच्चीयों ने रिनु के नेतृत्व मे गांव में खुले मे शोच करने की धारणा को लगभग बदल डाला है । अलीराजपुर कलेक्टर गणेश शंकर मिश्र कहते है कि हमें रिनु पर गव॔ है ओर उसके प्रयासों से प्रशाशन का आत्म विश्वास भी बढता है ओर हम भी अतिरिक्त ऊर्जा के साथ काम करते है कलेक्टर के अनुसार गैरुघाटी के आश्रम की वाड॔न ” शारदा डूडवे” के प्रयास भी इन बालिकाओ को मोटिवेशन देने के लिए सराहनीय है । होस्टल वाड॔न शारदा कहती है कि सभी बालिकाओ मे उत्साह है कि वह गैरुघाटी गांव को खुले मे शोच से मुक्त करें लेकिन 7 साल की मासूम जो कि क्लास 2 की छात्रा है उसकी शैली सबसे जुदा है यही कारण है कि वह 80 छात्राओं के उस दल का नेतृत्व करती है जिनमें 5 वी से लेकर 8 वी क्लास तक की छात्राए शामिल है । 

रिनु बोलीं – प्रधानमंत्री जी की सोच के अनुसार काम कर रही हुं

7 साल की मासूम रिनु कहती है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुसार चाहती है कि खुले मे शोच बंद हो ताकी हमारे गांव – शहर – तहसील – जिले – प्रदेश ओर देश स्वच्छ .. सुंदर ओर रोगमुक्त हो । रिनु के अनुसार  उसने टीवी पर पीएम  मोदी जी को बोलते सुना था फिर आश्रम मे आये एक सर ने स्वच्छता के वैज्ञानिक कारण बताऐ थे उसके बाद ही उसे लगा तो मैडम  ( होस्टल वाड॔न) की अनुमति से उसने ओर आश्रम की सारी लकडीयो ने अभियान शुरु किया ।

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