झाबुआ। सांसद कांतिलाल भूरिया ने गुरूवार को लोकसभा में सूखे पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि देश में भयंकर सूखा पड़ा हुआ है। कई राज्यों में पेयजल संकट गहरा गया है। विशेषकर रतलाम-झाबुआ-अलीराजपुर जिलों में व्याप्त सूखे का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि यहां के गरीब आदिवासी रोजगार गारंटी/मनरेगा में रोजगार उपलब्ध नहीं होने के कारण रोजी-रोटी की तलाश में अन्यत्र भटकने को मजबूर हो गए है। पड़ोसी राज्यों गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र एवं अन्य जगहों पर भी पलायन कर रहें है। लेकिन वहां भी स्थिति अब भयावह होने के कारण वे वापस आने को मजबूर है। पेयजल की तलाश में ग्रामीण जन एवं फलिया रेत के नीचे गहरे गड्डे में भी जहां पानी की मात्रा न के बराबर है पीने को मजबूर है। भूरिया ने मध्यप्रदेश सरकार से मांग करते हुए तत्काल राहत कार्य चलाए जाने का अनुरोध किया है तथा केन्द्र से मांग की है कि यूपीए सरकार ने किसानों को 72 हजार करोड़ रुपए का ऋण माफ किया था। वर्तमान में इस भयंकर स्थिति से निपटने हेतु तत्काल ही ऋण माफ कर किसानों को राहत पहुंचाए तथा केन्द्र भी राज्यों को 500 हैंडपंप का खनन कर रतलाम-झाबुआ और अलीराजपुर जिलों में पेयजल उपलब्ध कराते हुए गरीब आदिवासियों को रोजगार हेत राहत कार्य एवं अन्य रोजगार उपलब्ध कराकर स्थिति को सामान्य करने की दिशा में तत्काल ही कठोर कदम उठाए जाएं। सांसद भूरिया ने कहा कि तत्काल ही इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो कांगे्रस किसान व पीडित ग्रामीणजन के साथ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने में भी नहीं हिचकेंगे।
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