सांसद भूरिया ने संसदीय बैठक में कहा कि प्रदेश में डेढ़ लाख रिक्त बैकलॉग वर्गों की भर्ती कर रोजगार मुहैया करवाए

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झाबुआ। 6 जून को संसदीय सौध नई दिल्ली में आयोजित अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के कल्याण संबंधी संसदीय समिति की बैठक जिसका प्रमुख बिंदु दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए रोजगार तथा उनके लिए आरक्षण था, पर चर्चा में भाग लेते हुए सांसद कांतिलाल भूरिया द्वारा अपने विचार रखते हुए कहा कि दिल्ली मेट्रो में टेक्निकल-नॉल टेक्निकल, कार्यपालिक अधिकारी वर्गों हेतु 15 फीसदी पद अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए, 7.5 फीसदी पद अनुसूचित जनजातियों के उम्मीदवारों के लिए तथा 27 फीसदी पद अन्य पिछड़े वर्गों हेतु आरक्षित है। सरकार का कहना है कि इस बैकलॉग का कारण पर्याप्त संख्या में उपयुक्त उम्मीदवारों की अनुपलब्धता के कारण हो रहा है। सांसद भूरिया ने कहा कि यदि ऐसा है तो सरकार को इन पदों को भरने के लिए जो मापदंड बनाए गए हैं, उनको शिथिल कर यह सुनिश्चित किया जाए कि यह रिक्त पद जल्द ही भरे जाए, जिससे की बैकलॉग की स्थिति खत्म हो।
सांसद कांतिलाल भूरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार नौकरियों में आरक्षण खत्म करना चाहती है जो कि उसका गुप्त एजेंडा है। इस कारण सरकार लीपापोती कर रिक्त पदों को विभिन्न प्रकार के मुद्दे बनाकर उन्हें नहीं भर रही है, जबकि इन तीनों ही समुदायों के योग्य उम्मीदवार पर्याप्त संख्या में डिग्रियां लेकर बेरोजगार घूम रहे हैं। सांसद भूरिया ने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में ही लगभग एक लाख 50 हजार बैकलॉग पदों को नहीं भरा गया है जिससे की एससी-एसटी के युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। कमबोश यही स्थिति पूरे देश में निर्मित हो चुकी है। भूरिया ने कहा कि यदि सरकार इस विषय में गंभीर है तो प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सभी प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाकर देश में जितने भी बैकलॉग पद रिक्त है उन्हें शीघ्र ही भरे जाकर इन वर्गों को रोजगार मुहैया किया जाए, तभी यह प्रतीत होगा कि केंद्र सरकार अनुसूचित जाति-अनुसूचित जातियों और पिछड़ेे वर्गों के कल्याण के लिए दृढ़संकल्पित है।