सांसद निधि से आए यात्री प्रतीक्षालय को नगर परिषद के जिम्मेदार नहीं लगने दे रहे थांदला नगर में

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IMG-20170123-WA0015 झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
सांसद निधि से आये दो यात्री प्रतीक्षालय प्रतिक्षा कर रहे है कि कब नगर परिषद उन्हें लगाने हेतु स्वीकृति दे एवं यात्री उन्हें उपयोग मे ला सके। वही पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष का कहना है कि सिर्फ अध्यक्ष पति को ही इसमे आपत्ति है वरन शेड कभी से लग चुके होते। सांसद निधि से आए इन प्रतीक्षालय शेड को लगाने के लिए कांग्रेस के जनप्रतिनिधि नगीन शाहजी, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष राजेश डामोर, जसवंत भाबर, जितेंद्र धामन, कादर खान, विकास रावत, सुधीर भाभर, मनीष अहिरवार नगर परिषद पहुंचे। सीएमओ शीतल जैन की अनुपस्थिति में उपलब्ध कर्मचारियों से मुलाकात की और चिन्हित स्थान पर यात्री प्रतीक्षालय लगाने का निवेदन किया। लेकिन कर्मचारियों ने सीएमओ शीतल जैन अथवा परिषद अध्यक्ष से इसकी स्वीकृति लेने की बात से दोनों पक्षों में जबर्दस्त विवाद हो गया। बढ़ते विवाद में परिषद से कोई नाता न रखने वाले पूनमचंद मिस्त्री आए तो और प्रतीक्षालय के लिए परिषद से स्वीकृति लेने का नियम बताया गया। इस पर नगीनलाल शाहजी ने कहा कि परिषद में स्वीकृति ले लेना और यदि यह स्वीकृति नहीं होता तो हम अपने खर्च पर इसे हटा देंगे पर अभी ये लग जाने दे। जब परिषद की वकालत कर रहे, पूनमचंद मिस्त्री ने उनकी बात नहीं मानी तो और विवाद हो गया अंतत: इन जनप्रतिनिधियों को बैरंग ही लौटना पड़ा। मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष नगीनलाल शाहजी ने बताया कि सांसद निधि से दो यात्री प्रतीक्षालय थांदला को मिले है जिसे लगाने के लिए विगत एक सप्ताह से नगर परिषद से संपर्क किया जा रहा है लेकिन इनकी उदासीनता की हद हो गई है। इन यात्री प्रतीक्षालय के लिए नगर परिषद को एक भी रुपया नहीं मिलाना पड़ रहा है फिर भी ये इन्हें लगने नहीं दे रही है और नगर विकास में बाधक बन रही है। इनकी इस बेरुखी से सांसद कांतिलाल भूरिया को अवगत कर दिया गया है, वे जल्द कलेक्टर से मिलकर इसका हल निकालेंगे। वही पूर्व न.प.अध्यक्ष राजेश डामोर ने कहा पूनमचन्द मिस्त्री नगर परिषद के कार्यो मे अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहा है। अपनी पत्नी के पद को अपना मान कर स्वयं परिषद के सारे निर्णय लेने का प्रयास कर रहा है जिससे पद की गरिमा प्रभावित हो रही है। एक ओर जहां प्रदेश में बैठी सरकार महिला सशक्तिकरण की बात कर रही है एवं दूसरी ओर भाजपा की ही परिषद में महिलाओं के हितों का हनन किया जा रहा है । यात्री प्रतीक्षालय शेड का न लग पाना भी इन्ही कारणों के चलते नही हो पा रहा है वरन शेड कभी से लग चुके होते। सूत्रों की माने तो परिषद में पूर्व में नगर के विभिन्न स्थानों के लिए एक-दो नहीं बल्कि चार यात्री प्रतीक्षालय की स्वीकृति ली जा चुकी है फिर वे सांसद निधि से आये इन यात्री प्रतीक्षालयों को क्यों लगने देना नहीं चाहती? सांसद निधि को कांग्रेस-भाजपा के तराजू में तोल कर एक बार फिर नगर परिषद जनता के धन का कबाड़ बनाने के फिराक में नजर आ रही है। अब देखना यह है कि कांग्रेस अपने सांसद की निधि का सदउपयोग कर पाती है या नहीं या फिर नगर परिषद अपने दूसरे काम को अधूरा छोड़ ताबड़तोड़ यात्री प्रतीक्षालय बनाने में लग जाती है।

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