झाबुआ, एजेंसीः झाबुआ के लोगों के लिए ठंड में बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। अमूमन पानी की किल्लत झेलते इस शहर में ठंड में ही गरमी जैसे हालात हो गए है। शहर में पानी की सप्लाय का मुख्य सोर्स अनास डेम पूरी तरह से सूखने की कगार पर है। अभी यहां केवल दो दिन का पानी बचा है। शहर में पहले तीन दिन में एक बार पानी की सप्लाय की जाती थी। अब जब संकट गहराया गया है तो चार दिन में एक बार सप्लाय की जा रही है।
शहर के सात किलोमीटर दूर गुलाबपुरा तालाब से पानी छोड़ा गया लेकिन अभी तक यह पानी अनास डैम तक नहीं पहुंचा है। गुलाबपुरा तालाब से पानी छोड़ने के बाद अनास डैम तक पहुंचने से सात से आठ दिन का वक्त लगता है।
जलसंकट होने की वजह से सात किलोमीटर के रास्ते में कई जगहों फसलों के लिए पानी चोरी होने का डर भी अधिकारियों को सता रहा है। इस वजह से गुलाबपुरा से डैम तक के रास्ते में पानी की चोरी रोकने के लिए किनारे बसने वाले गांवों की बिजली बंद की जा रही है।
इसके बावजूद लगातार शिकायत मिल रही है कि डीजल पंप की मदद से पानी चोरी किया जा रहा है। इस वजह से अधिकारी इन गांवों की खाक छानकर जगह-जगह पानी चोरी रोकने के लिए पंप जब्त कर रहे है।
हालांकि, सबसे बड़ी दिक्कत सात किलोमीटर लंबे रास्ते में जगह-जगह खोदे गए गढ्ढे और कुएं की वजह से आ रही है। यह पानी के डैम तक पहुंचने में बड़ी बाधा बने हुए है। वहीं किसान भी अपनी मजबूरी बता रहे है कि उनके पास चोरी से पानी खींचने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। गेहूं और चने की फसल को इस वक्त सिंचाई की बड़ी दरकार है और ऐसे में वह पानी के लिए और इंतजार नहीं किया जा सकता।
कुछ ख़ास तथ्यः
- गुलाबपुरा से झाबुआ तक पानी आने में 10 दिन लगते हैं।
- गुलाबपुरा से एक बार में 40-45 एमसीएफटी पानी छोड़ा जाता है।
- झाबुआ डेम तक 15 एमसीएफटी या इससे कम पानी पहुंच पाता है।
- गुलाबपुरा वाला पानी खत्म होने पर 17 किमी दूर धमोई तालाब से पानी लिया जाता है।
- यहां से पानी पहुंचने में 17-18 दिन लगते हैं।
- धमोई तालाब से 50-60 एमसीएफटी पानी छोड़ने पर झाबुआ तक 15 एमसीएफटी पानी पहुंचता है।
- शहर की जनसंख्या 50 हजार, नल कनेक्शन 5 हजार 526, डेम की केपेसिटी, 15 एमसीएफटी