शहर के एटीएम बंद, नागरिक की हुई फजीहत

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– स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम पर शटर गिरी हुई.

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
नगर के नागरिक बैंक में पैसा जमा करवाना, निकलवाला सहित अन्य कार्यो को लेकर हमेशा परेशानी का सामना कर रहे है। नोटबंदी के बाद बैंकों में भीड़ कम होने का नाम ही नहीं ले रही है यहां तक की बैंकों ने नागरिकों की सुविधा के लिए लगाए एटीएम भी पिछले कई दिनों से बंद पड़े है। यदि कोई एटीएम चल भी रहा है तो लंबी लाइन में खड़े होकर पैसे निकालने पड़ रहे है कई बार तो नंबर आते आते ही कैश खत्म हो जाता है। बैंकों ने एटीएम सुविधा इस लिए दी है कि नागरिकों को हर वक्त पैसा मिल सके किंतु नगर में एटीएम की स्थिति इसके विपरीत है यहां न तो पैसा रहता है न ही कोई अन्य कार्य भी एटीएम से नहीं हो पा रहा है। स्टेट बैंक की एटीएम मशीने पुरानी हो चुकी है जो की हर बार कार्ड लगाने पर भी अनवेलिड बता देती है। वहीं बैंक आफ बड़ौदा के एटीएम में कार्ड चलते तो है किंतु पैसा नहीं रहता है। वहीं बैंक आफ इंडिया के एटीएम में न पैसा है न एटीएम चलता है.
स्थाई रूप से बंद एटीएम-
नगर के मुख्य मार्ग पर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम तीन दिनों से बंद पड़ा है. वहां पैसा भी नहीं है जिस कारण से शाखा के कर्मचारियों ने शटर गिरा कर एटीएम बंद का बोर्ड लगा दिया है। वहीं अन्य दो स्थानों पर लगे एटीएम भी बंद है जिस कारण शनिवार और रविवार के दिन हर कोई पैसों के लिए परेशान रहा यहां तक की कई लोगों ने उधार पैसा लेकर कर भी अपना काम चलाया।
समस्या का मूल कारण-
इस संबंध में जब बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों से चर्चा की गई तो एक बड़ा कारण सामने आया जिसके अनुसार बैंक प्रबंधन द्वारा एटीएम की मरम्मत और रूपए डालने के लिए अलग से कंपनी को ठेका दिया जाता है जिसके बाद यह कंपनियां एटीएम में बैंक अधिकारियों की मउजूदगी में कैश खत्म हङ्क्षने पर कैश डालती है. लेकिन नगर में जिन कंपनियों का ठेका हुआ वह कंपनी नियमित रूप से इन एटीएम में कैश नहीं डालती है जिसके कारण बार बार एटीएम बंद रहते है और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नागरिकों की मांग है कि इन कंपनियों पर बैंक के आला अधिकारी कार्रवाई करे जिससे एटीएम में नियमित रूप से कैश डले और ग्राहकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

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