रायल्टी चोरी कर बालू रेत माफिया लगा रहे शासन को चूना, ओवरलोड बालू रेत वाहनों की आवाजाही हुई तेज

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
अवैध रूप से बालू रेत का परिवहन कर बेची जा रही है। रेत संचालकों के द्वारा अवैध तरीके से गुजरात और अलीराजपुर से रेत का परिवहन किया जाता है। रेत परिवहन के नाम पर हजारों की हेराफेरी होती है। शासन को राजस्व का भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिसके कारण राजस्व की बड़ी हानी हो रही है किंतु इस मामले में अलीराजपुर से लेकर झाबुआ जिले तक के कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। एसडीएम हर्षल पंचोली ने इस मामले में सख्त कार्रवाई प्रारंभ की है उनके द्वारा निरीक्षण में बुधवार को अवैध रूप से रेत परिवहन कर लाए गए एक डंपर पर 30 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है। क्योंकि डंपर में रायल्टी के नाम पर 15 टन की अनुमति ली गई थी और डंपर में 58 टन रेत भरी हुई थी। इस प्रकार प्रतिदिन हजारों टन की रायल्टी चोरी की जा रही है और अधिक लोडेड वाहन निकल रहे है जिस कारण से दुर्घटनाएं भी होती है। इन पर रोक लगाने के लिए पेटलावद एसडीएम द्वारा की गई कार्रवाई को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सही बताया और मांग की है कि रेत परिवहन जिन स्थानों या जहां से होकर गुजर रहा है वहां पर भी सख्त जांच हो ताकि शासन को राजस्व का नुकसान भी नहीं हो और दुर्घटनाओं का भय भी नहीं रहे।
पेटलावद में दर्जनों स्थान-
नगर में मुख्य मार्गों के किनारे ही दर्जनों स्थानों पर बालू रेत का एकत्रिकरण किया जाता है ओर क्षेत्र के लोगों को महंगे दाम पर रेत बेची जाती है जबकि रेत परिवहन करने वाले रायल्टी के नाम पर शासन से लाखों की चोरी करते है किंतु क्षेत्र के लोगों से भरपूर रायल्टी वसूल करते है। कई बार शासकीय योजनाओं के नाम पर भी रायल्टी की चोरी की जाती है जिस आड में कई लोग अपने धंधे चला रहे है। नागरिकों ने मांग कि है कि नगर में मुख्य मार्गों के किनारे इस प्रकार के अवैध रूप से रेत के अड्डों पर भी कार्रवाई कर वसूली की जाए ताकि राजस्व का नुकसान नहीं हो। क्योंकि आम जनता तो राजस्व दे रही है किंतु शासन तक नहीं पहुंच कर यह राजस्व गौरख धंधा करने वालों की जेब में जा रहा है।
क्षेत्र की नदियां हुई खाली-
अवैध रूप से रेत निकालने के चलते बेत्र की बड़ी माही नदी को भी पूरी तरह से खाली कर दिया गया है जिस कारण से क्षेेत्र में रेत की कमी हो गई है जिसके चलते रेत माफियाओं के द्वारा गुजरात व अलीराजपुर से बालू रेत बुलवाई जाती है, जो कि अधिकांश निर्माण कार्यो में उपयोग में ली जा रही है जबकि दो वर्ष पहले तक माही नदी से रेत लाई जाती थी किंतु माही नदी को पूरी तरह से खोखला कर दिया गया है। वहां अब कम मात्रा में रेत उपलब्ध हो पा रही है तो गुजरात व अलीराजपुर क्षेत्र की बालू रेत को अवैध तरीके से लाकर बेचा जा रहा है। इस प्रकार क्षेत्र में अवैध रूप से रेत बेचने का कार्य खुलेआम चल रहा है जिस पर अंकुश लगाने की मांग की गई है। इस संबंध में एसडीएम हर्षल पंचोली ने बताया कि दो दिन पूर्व भी हमने एक डंपर पर 32 हजार रूपए का दंड आरोपित किया था और बुधवार को भी 30 हजार रूपए का दंड आरोपित किया है। इन दोनों डंपरों में क्षमता से अधिक रेत भरी हुई थी जिसकी रायल्टी मात्र 15 टन की थी और रेत 58 टन भरी हुई थी।
 

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