यौन शोषण मामले में नाबालिग हुई गर्भवती, तीन दिन से डॉक्टर नहीं कर रहा मेडिकल जांच-एक्सरे

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पेटलावद क्षेत्र की नाबालिग गर्भवती बालिका को यौन शोषण के मामले में एक्स-रे एवं जांच के लिए जिला चिकित्सालय द्वारा पिछले तीन दिन से बैरंग लौटाने का मामला प्रकाश में आया। यह कोई एक मामला नहीं है। इसे कई मामले है जिनमें पीडि़त महिलाओं को परेशान होना पड़ता है।
यह है मामला-
सारंगी चौकी के अंतर्गत छायन पूर्व की रहने वाली नाबालिग सुनीता परिविर्तित नाम को गांव के ही रहने वाले युवक द्वारा अपहरण कर बलात्कार किया गया जिस पर से पीडि़ता के पिता कोमल द्वारा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस द्वारा लगभग तीन माह की खोज के पश्चात आरोपी को पीडि़ता के साथ पकडक़र पेटलावद थाने पर गुरूवार को लाया गया। पीडि़ता वर्तमान में गर्भवती है और पुलिस को कानूनी कार्रवाई करने के लिए पीडि़ता के मेडिकल जांच और एक्स-रे आदि की आवश्यकता है जिस पर से नियमानुसार पेटलावद थाने के द्वारा महिला आरक्षक सहित पिछले तीन दिनों से पीडि़ता को एक्स-रे के लिए जिला चिकित्सालय झाबुआ में भेजा जा रहा है किंतु चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर द्वारा लगातार किसी न किसी बहाने से पीडि़ता और उसके परीजनों को एक्स रे करने से मना करते हुए बैरंग लौटाया जा रहा है।
डाक्टर की इस प्रकार की लापरवाही से न सिर्फ पुलिस का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। वहीं गरीब परिवार के पीडि़त पक्ष को बार बार झाबुआ जाने से आर्थिक बोझ भी उठाना पड़ रहा है। जानकारों के अनुसार महिला अपराध संबंधी मुकदमों में पुलिस को न्यायालय में चालान प्रस्तुति से पूर्व महिला की मेडिकल जांच एवं एक्सरे आदि करवाने की आवश्यकता होती है और पुलिस के द्वारा ऐसे मामलों में जिला चिकित्सालय में पीडि़तों को भेजा जाता है किंतु जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते पीडि़त पक्ष को लगातार अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते है। गौरतलब है कि जिले के समस्त थानों पर पंजीबद्व होने वाले महिला अपराधों की जांच के लिए जिला चिकित्सालय ही एक मात्र विकल्प है। इस तरह से सभी थाना क्षेत्रों में आने वाले पीडि़तों को अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही से परेशान होना पड़ता है। वहीं पुलिस का काम भी समय पर पूरा नहीं हो पाता है। इसके साथ ही न्यायालय में भी उचित जांच रिपोर्ट के अभाव में कामकाज लंबित रहता है। इस संबंध में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी अस्पताल को पत्र लिखे गए है किंतु अब तक कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला। इस संबंध में सीएमएचओ अरूण शर्मा से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि पहले में पूरे मामले की जांच कर तह तक पहुंचता हूूं, इसके बाद ही आपकों कुछ बताता हूं। मामले को दिखवाता हूं।

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