कठ्ठीवाडा से गोपाल राठौर की रिपोर्टः कठ्ठीवाड़ा तहसील के हवेलीखेड़ा गांव में इन दिनों अज्ञात बीमारी की वजह से दहशत का माहौल हे। दो साल के एक मासूम बच्चे की मौत के बाद अब बच्चों के बाद महिलाएं भी इस बीमारी की चपेट में है। बीमारी के लक्षण देखकर जो ट्रीटमेंट दिया जा रहा है उसका कोई असर नहीं हो रहा है। यह समझ से परे है कि हवेलीखेड़ा किस बीमारी की चपेट में है।
इस बीमारी की चपेट में अब संदीप नाम का मासूम भी आ गया है। संदीप के भाई राजेश की तीन दिन पहले ही उल्टी दस्त की वजह से मौत हुई थी। अब वह और शिखा नाम का मासूम भी इसी तरह की बीमारी की चपेट में आ गए है। इतना ही नहीं कई महिलाओं में भी इसी तरह के लक्षण दिखाई दे रहे है।
उल्टी दस्त की शिकायत पर इन महिलाओं और बच्चों को जिला चिकित्सालय लाया गया था लेकिन यहां बोतल चढ़ाने के बावजूद इन्हें कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद गोलियां देकर इन्हें रवाना कर दिया गया।
खास बात है कि चौंकाने वाली बात है कि हालत इतने बिगड़ने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं लगी थी या फिर जानबूझकर लापरवाही की गई। “झाबुआ आजतक” के माध्यम से यह सारा मामला कलेक्टर शेखर वर्मा के संज्ञान में लाया गया था।
कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को तुरंत तलब किया गया और इसके बाद एक दल हवेलीखेड़ा गांव के लिए रवाना किया गया है। कलेक्टर ने साथ ही अधिकारियों को ताकीद दी है कि वह पूरे मामले की मॉनिटरिंग करे और यथासंभव कोशिश कर इस बीमारी के रोकथाम के इंतजाम किए जाए। हालांकि, बावजूद इसके हालात बदलते नहीं दिख रहे है।