मोदी और शिवराज की किसान बीमा नीति जुमला, किसान को दिए गए है 12 रुपए के चेक : आलोक अग्रवाल

May

झाबुआ लाइव के लिए खवासा से अर्पित चोपड़ा की रिपोर्ट-
जिले की थांदला विधानसभा के सेमलिया गांव में हुई किसान सभा प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल के नेतृत्व में 1 मई से सिहोर से शुरू हुई किसान बचाओ आंदोलन के आठवे दिन यात्रा अलीराजपुर से होती हुई झाबुआ पहुंची जहां थांदला तहसील के सेमलिया गांव में आदिवासी किसान सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान कई आदिवासी युवाओं ने पार्टी सदस्यता ली। किसानों को संबोधित करते हुए आलोक अग्रवाल ने कहा कि मैं रोज सैकड़ो किसानों से मिल रहा हूं।
बस का किराया 50 देकर पहुंचा किसान को दिया 12 रुपए का चेक
अलीराजपुर जिले में किसान जालम सिंह डावर ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार दातार को करीब 12 हजार रुपए का नुकसान हुआ। उसे बीमे के चेक के लिए कार्यालय बुलाया। वह बस का किराया 50 रुपए उधार लेकर कार्यालय पहुंचा तो उसे बीमे का 12 रुपए 72 पैसे का चेक दिया। उसे बहुत धक्का लगा और वह चेक को वहीं फेककर वापस आ गया। अगले दिन उसने घर में पड़ी चूहे मारने की दवा खाकर आत्महत्या कर ली। गौरतलब है कि में भोपाल के पास सीहोर में प्रधानमंत्री मोदी ने नई बीमा नीति की घोषणा की थी, पर घोषणा जुमला रह गई और किसान लगातार आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है। आज ऐसी बीमा नीति की जरूरत है जो किसानों की मदद करे न कि उनका उपहास करे, उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर करे। मध्य प्रदेश का किसान एकजुट हो रहा है और इस किसान विरोधी सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकेगी। आम आदमी पार्टी शिवराज सरकार से मांग करती है कि किसानों के सभी कर्जे को माफ किया जाए। स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर किसानों का न्यूनतम समर्थन मूल्य, उसकी लागत का न्यूनतम डेढ़ गुना रखा जाए और उस आधार पर सरकार द्वारा तत्काल बोनस की घोषणा की जाए। इस हेतु एक न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून बनाया जाये।
आत्महत्या कर चुके किसानों के परिवारों को मिले 5-5 लाख –
स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार किसानों को शुद्ध लाभ किसी प्रशासनिक अधिकारी के लाभ के बराबर होना चाहिए। किसानों की फसलों के खराब होने पर न्यूनतम 20 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए। किसानों की बीमा नीति को पूरी तरह से पारदर्शी बनाकर नुकसान के वास्तविक आकलन के आधार पर तत्काल बीमा राशि दी जाए। पिछले 10 वर्षों में जिन किसानों ने आत्महत्या की है उनके परिवारों को भरण पोषण के लिए 5-5 लाख रुपए दिए जाए। सभी किसानों के लिए पर्याप्त सिंचाई की व्यवस्था की जाए, किसानों को कम से कम 18 घंटे बिजली उपलब्ध करवाई जाए, किसानों को बिजली के अस्थाई कनेक्शन प्रति माह के आधार पर दिए जाए, किसी भी किसान पर इनकम टैक्स न लगाया जाए। कार्यक्रम में संगठन सचिव युवराजसिंह, क्षेत्रीय संगठन प्रभारी राजेंद्र कुमार माहोर, महिला शक्ति लक्ष्मी चौहान, युवा संयोजक निशांत गंगवानी, जिला संयोजक प्रेम सिंह चौधरी आदि ने भी सभा को संबोधित किया ।