मुख्यमंत्री 5 हजार करोड़ रुपए की घोषणा का हिसाब दे, उसके बाद जिले में आए -सांसद भूरिया

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प्रदेश के मुख्यमंत्री का स्वर्णिम मप्र का सपना झूठा : भूरिया
झाबुआ। मप्र के मुख्यमंत्री स्वर्णिम मप्र बनाने का झूठा सपना दिखाकर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हंै। पहले मुख्यमंत्री लोकसभा उपचुनाव के पूर्व उनके द्वारा की गई 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणाओं की जानकारी दे कि उनका क्या हुआ? फिर इस जिले में आए। संसदीय क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं को लेकर 20 जून को बैठक का आयोजन रतलाम में किया गया है। जिसमें बडौदा,जयपुर एवं रतलाम के डीआरएम को भी मय जानकारी के बुलवाया गया है, इस पर आवश्यक विचार-विमर्श होगा। जिले में पेयजल संकट को लेकर शासन – प्रशासन बिल्कुल गंभीर नहीं है। उक्त गंभीर आरोप शुक्रवार को सांसद कार्यालय पर आयोजित पत्रकारवार्ता में सांसद कांतिलाल भूरिया ने लगाए। सांसद भूरिया ने बताया कि कांग्रेस और मीडिया की पहल पर इंदौर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग के जीर्णोद्धार के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 9 करोड़ 87 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई है। इसके अलावा आंतरिक कार्यों के लिए 13 करोड़ 71 लाख रुपए स्वीकृत हुए है। भूरिया ने कहा कि जिले के विकास को लेकर मप्र एवं केंद्र सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है। संसदीय क्षेत्र की तीन महत्वपूर्ण रेल्वे परियोजना वर्षों से अधूरी पड़ी है। इस संबंध में 20 जून को डीआरएम की बैठक रतलाम में आयोजित होगी। जिसमें वे इन तीनों परियोजनाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा राशि स्वीकृत करवाकर अतिशीघ्र कार्य पूर्ण करवाने की पहल करेंगे।
पहले की घोषणाओं का क्या हुआ, इसका जवाब दे
सांसद भूरिया ने बताया कि लोकसभा उपचुनाव के पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई। 5 हजार करोड़ रुपए जिले के विकास के लिए, ढाई हजार करोड़ रूपए माही नदी के लिए, 118 करोड़ की घोषणा विभिन्न योजनाओं के लिए, 35 करोड़ की घोषणा झाबुआ में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए, 1 हजार 14 करोड़ की घोषणा रतलाम के लिए, इस प्रकार लगभग 5 हजार करोड़ रुपए घोषणाएं की गई, लेकिन काम कुछ नहीं हुआ। पहले मुख्यमंत्री इसका जवाब दे, फिर जिले में आए। उन्होंने कहा कि घोषणवीर मुख्यमंत्री फिर जिले में आ रहे है और फिर नई घोषणाएं करेंगे, लेकिन अब जनता यह बर्दाश्त नहीं करेगी। जनता उनसे पिछली घोषणाओं का जवाब मांग रही है ।
ग्रामीण अंचलो में हैंडपंपप सूखे
सांसद श्री भूरिया ने जिले में पेयजल संकट व्याप्त है, लेकिन जिसकी सुध लेने की फुर्सत प्रदेश सरकार एवं प्रशासन को नहीं है। अधिकारी-कर्मचारी सरकार के दबाव में काम कर रहे है और उन्हें डराने-धमकाने के साथ छुटभईये नेताओं द्वारा साथ मारपीट करने जैसे कृत्य भी किए जा रहे है। गांवों में हैंडपंप सूख चुके है। नए हैंडपंप लगाने के लिए प्रशासन के पास उपकरण नहीं है।
रोजगार नहीं मिल रहा
उन्होंने आगे कहा कि गांवों में ग्रामीणों को रोजगार नहीं मिल रहा है। उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न सामगिीयों की कालाबाजारी हो रहीं है। दलाल प्रथा जोर पकड़ रहीं है। सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा गांवों में औपचारिक रूप से खाटला बैठके एवं ग्राम सभा का आयोजन कर केवल औपचारिकताएं पूर्ण की जा रहीं है। भूरिया ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री का यही स्वर्णिम मध्यप्रदेश है?
पत्रकारों पर हो रहे जानलेवा हमले
भूरिया ने बताया कि जिले में पत्रकारों पर भी निरंतर जानलेवा हमले हो रहे है। अपराधों के ग्राफ में तेजी से वृद्धि हो रही है। गुंडातत्व खुलेआम घूम रहे है। भाजपा के राज मे जंगलराज का आलम बन चुका है । ग्रामीणों की प्याज खरीदी के लिए जिले में एक भी खरीदी केंद्र नहीं खोले गए है। केवल रतलाम खोला गया था,किसानों की शिकायत पर मैने आला अधिकारी से बात की प्याज की खरीदी के लिये तत्काल पेटलावद मे केन्द्र खाले जाने के लिये चर्चा की उन्होने त्वरित कार्य करते हुए पेटलावद मे प्याज खरीदी केन्द्र खोला है। देश के प्रधानमंत्री को विदेशों का दौरा करने से फुर्सत नहीं है। नाश्ता इस देश मे करते है तो तो डिनर दूसरे देश मे करते है इसलिये महंगाई उनका कोई सरोकार नही है ।
स्कूल चले अभियान औपचारिक
भूरिया ने कहा कि नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है, लेकिन ग्रामीण विद्यालयों में स्थिति यह है कि वहां भवन नहीं बने है, खुले में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। स्कूलों मेंं पानी, फर्निचर एव बैठक की कोई व्यवस्था नही है । ग्रामीणों के साथ सरकार धोखा कर रहीं है। स्कूल चले हम अभियान महज औपचारिक साबित हो रहा है। रूक जाना नहीं, योजना चलाकर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है वहीं शिक्षा को व्यावसायकरण हो चुका है एवं इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। अतिथि शिक्षकों को समय पर वेतन नहंी मिल रहा है। भाजपा सरकार में भाजपा मस्त और जनता त्रस्त है।

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