माही परियोजना के विरोध में विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी

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IMG-20150807-WA0407झाबुआ। विधायक निर्मला भूरिया ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चोहान को पत्र लिख कर पेटलावद से माही परियोजना के संभागीय कार्यालय को जीरापुर राजगढ़ में ले जाने को लेकर पत्र लिख कर निवेदन किया है कि जिले के पेटलावद क्षेत्र की जीवन रेखा माही परियोजना के संभागीय कार्यालय को जल संसाधन विभाग द्वारा आर्थिक कारणों से पेटलावद से जीरापुर स्थानांतरित किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लिखा गया कि लगभग 28 सालों तक कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बंद पड़ी जिले की इस महत्वपूर्ण माही सिंचाई परियोजना को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी द्वारा स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया जो कि उस समय अजजा आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे एवं वे स्वयं उस समय पेटलावद विधायक थी, के अनुरोध पर अटलजी ने आदिवासी क्षेत्र की परियोजना होने से त्वरित सिंचाई योजना में जोड़कर स्वीकृति प्रदान कराई थी। भूरिया ने मुख्यमंत्री को पत्र में यह भी लिखा है कि आप इस तथ्य से सहमत होगे कि प्रदेश सरकार एक कमर्शियल इस्टेबलिशमेंट नही होकर भारतीय संविधान के तहत जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार है जिसका प्रमुख दायित्व संवधान की प्रस्तावना व नीति निर्देश सिद्धांतों के अनुसार जन जीवन को सुगम एवं उन्नत बनाना है। उन्होने पत्र में लिखा कि सिंचाई सुविधाओं का विस्तार एवं जल की आसान उपलब्धता मान संसाधन के समग्र विकास व आर्थिक अन्नयन के लिये बहुत जरूरी है। भूरिया ने आगे लिखा कि माही परियोजना अभी निर्माणाधीन है एवं वर्तमान में नहरों के विस्तार का कार्य द्रुत गति से किया जा रहा है जिनकी लंबाई लगभग 100 किलोमीटर है, इस परियोजना से वर्तमान सदवहन सिंचाई परियोजना भी तेयार की जाना है जिसके लिये पूर्व मेंभी पत्र लिख कर अनुरोध कर चुकी है। निर्मित नहरों में भी नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने का भगीरथी कार्य किया जाना अभी शेष है। इस स्थिति में संभागीय कार्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने से परियोजना विस्तार एवं वास्तविक लाभ का कार्य पूरी तरह प्रभावित होगा। निर्मला भूरिया ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि किसानों के व्यापक हित में जनभावना अनुसार माही परियोजना के संभागीय कार्यालय कोयथावत पेटलावद में रखे जाने के लिये प्रभावी आदेश जारी कर इस अंचल के विकास में सहयोग प्रदान करें। भूरिया द्वारा इस पत्र की प्रतिलिपि जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया को भी भेज कर जनभावनानुसार त्वरित निर्णय लेकर आदेष प्रसारित करने का अनुरोध किया।

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