मालवा की उपेक्षा कही भारी ना पड़ जाये ” शिवराजसिंह चौहान ” साहब

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चंद्रभान सिंह भदौरिया @ लेखक टीवी पत्रकार & सोशल मीडिया एक्टिविस्ट है लेख उनकी फैसबुक वाल से साभार लिया गया है ।

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रोते – गाते आखिरकार मध्यप्रदेश मे शिवराजसिंह कैबिनेट का विस्तार हो ही गया । लेकिन प्रदेश मे एक दशक से अधिक समय से सत्ता संभाल रहे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान बेहद कमजोर सीएम इस मायने मे साबित हुऐ कि वे कुछ लोगो को चाहकर भी मंत्री नही बना पाये । अगर यह चर्चाएं सही है कि उनके शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची मे एक दर्जन बार संशोधन हुआ है तो यह शिवराज को संगठन स्तर पर बेहद कमजोर सीएम साबित करता है साथ ही जयभान सिंह पवैया जिस तरह से सीएम की नही अपनी मर्जी से शपथ के मंच पर 5 मिनट मे राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बन गये वह भी दादागिरी से उससे तो इस बात पर मुहर लगती है कि शिवराज जी अभी दिल्ली दरबार से भयभीत है । अब देखिए गौर ओर सरताज अपने विवादास्पद बयानों ओर हरकतों से शिवराजसिंह सरकार के लिऐ परेशानी खडी कर रहे थे उन्हें केंद्रीय नेतृत्व को मोहरा बनाकर बाहर किया गया क्योकि शिवराज पार्टी बनना नही चाहते थे । खैर अब बात मंत्रीमंडल मे ” मालवा” की घोर उपेक्षा की । ऐसा लगता है कि शिवराजसिंह यह भुल गये कि मालवा एमपी मे ही है यह पंजाब का मालवा नही है।यहां से शिव कैबिनेट मे मात्र एक मंत्री है ” पारस जैन” जो जनता को कम शायद शिवराज को ज्यादा पसंद है धार – इंदौर – रतलाम – नीमच – झाबुआ – अलीराजपुर – शाजापुर आदि मालवा के जिले खाली है जबकि पश्चिम एमपी के आदिवासी विधायकों को इस योग्य नही माना गया । पूरे प्रदेश मे ग्वालियर / चंबल ओर सागर / भोपाल संभाग को ही एमपी मान लिया गया । भिंड से लालसिंह आय॔ , मुरैना से रुस्तम सिंह , दतिया से नरोत्तम मिश्रा , ग्वालियर से जयभान सिंह पवैया , शिवपुरी से यशोधरा राजे यानी ग्वालियर चंबल संभाग से गुना ओर श्योपुर जिला सिर्फ छुटा है इसी तरह सागर संभाग से गोपाल भार्गव , भूपेंद्र सिंह , ललिता यादव आदि मंत्री है रायसेन जिले से तो तीन तीन मंत्री बना दिये गये । निमाड से भी तीन मंत्री है खंडवा से विजय शाह , बड़वानी से अंतरसिंह आय॔ एंव बुरहानपुर से अर्चना चिटनीस । ऐसा प्रतित होता है कि मालवा मे कैलास विजयवर्गीय खेमे से कोई न्यूसेंस सीएम नही चाहते थे लेकिन सीएम ने अनुसूचित जाति – जनजाति एंव विशेषकर इस वर्ग की महिला विधायकों की उपेक्षा की है यह सामने दिख रहा है जो महिलाए इस समय शिव कैबिनेट मे है वह एसटी / एससी समुदाय से नही बल्कि या तो सामंतवादी परिवारो से आती है या उच्च कुलीन वर्ग से । कुल मिलाकर इस कैबिनेट विस्तार मे शिवराज ऐसे सीएम साबित हुऐ जो एक दशक तक राज करने के बावजूद अपनी पार्टी ओर उसकी खेमेबंदी मे बेहद कमजोर लगते है डरे सहमे हुऐ ।।